बसंत के स्वागत के लिए प्रकृति सज-धज कर तैयार
मखदुमपुर, निज संवाददाता। प्रकृति की अनुपम छटा देखते हुए महाप्राण निराला की यह कविता जैसे चरितार्थ हो रही है।
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मखदुमपुर, निज संवाददाता। ऋतुओं का राजा वसंत का आगमन हो चुका है। प्रकृति उसके स्वागत के लिए सजधज कर तैयार हो चुकी है। प्रकृति की अनुपम छटा देखते हुए महाप्राण निराला की यह कविता जैसे चरितार्थ हो रही है। सखी वसंत आया भरा हर्ष वन के मननव उत्कर्षा छाया। गांवों के बधार जैसे बसंत से भरे पड़े हैं। एक तरफ सरसों कि फसल पक कर पीले हो रहे हैं तो दूसरी ओर राई की फसल पीले फूल से लग चुके हैं। अरहर की फसलें पीले फूलों से लग चुके हैं। तीसी , खेसारी, चना की फसल श्याम रंग की पुष्पों से आच्छादित है। बागीचे में आम के पेड़ों पर पीले मंजर आने लगे हैं। गेहूं की फसलों की वालिया निकलने लगे हैं। इस वर्ष धान की अच्छी फसल के बाद गेहूं की अच्छी फसल की उम्मीद है। मौसम ठीक रहने से सरसों की उपाधि भी अच्छी होने की उम्मीद है। अब तक पाला और लाही का प्रकोप नहीं होने रबी की फसल भी अच्छी है। अच्छी फसल होने से किसानों की समृद्धि बढ़ेगी। इससे किसानों में भी प्रसन्नता है। जैसे बसंत उनके लिए दूत बन कर आया है। कोयल की कूक सुनाई दे रही है। पेड़, पौधों के अलावा पशु व पक्षियों में भी नई उर्जा का संचार हुआ है। फोटो- 03 फरवरी जेहाना- 16 कैप्शन- ऋतुराज बसंत के आगमन पर प्रखंड के सेवतीं गांव में खिली सरसो के फूल।
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