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शिक्षा के नाम पर अभिभावकों का हो रहा दोहन

अरवल, निज संवाददाता। लेकिन अरवल जिले में सभी निजी विद्यालय अपनी दुकान खुलवाकर पेरेंट्स को किताब और पोशाक खरीदने के लिए मजबूर करते हैं।

Newswrap हिन्दुस्तान, जहानाबादSun, 12 Jan 2025 11:40 PM
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अरवल, निज संवाददाता। राष्ट्रीय जनता दल के जिला प्रवक्ता मनोज कुमार ने प्रेस बयान जारी कर कहा है कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम व्यवस्था के अनुसार जिले के सभी निजी विद्यालय को प्रत्येक बच्चा के हिसाब से करीब 12 हजार रुपए मिलता है। यह पैसा गरीब बच्चों पर खर्च करने के लिए सरकार देती है। लेकिन अरवल जिले में सभी निजी विद्यालय अपनी दुकान खुलवाकर पेरेंट्स को किताब और पोशाक खरीदने के लिए मजबूर करते हैं। 100 रुपए की किताब का दाम 500 रुपए वसूलते हैं। सरकार केवल योजना बना रही है। लेकिन उसका नाजायज फायदा शिक्षा माफिया लोग उठा रहे हैं।

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