अंग्रेजों की तरह जन आंदोलनों को दबाना चाहती है सरकार (पेज पांच का लीड)
नेताओं ने कहा, देश को गुलाम वनाने वाले तीनों काला कृषि कानूनों को शीघ्र वापस ले...
23 मार्च को शहादत दिवस के दिन विधान सभा में पुलिस विधेयक लाना शहादत दिवस का है अपमान
भाकपा माले कार्यकर्ताओं ने भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव की शहादत को किया याद
नेताओं ने कहा, देश को गुलाम वनाने वाले तीनों काला कृषि कानूनों को शीघ्र वापस ले सरकार
जहानाबाद। नगर संवाददाता
भाकपा माले कार्यालय में मंगलवार को शहादत दिवस के अवसर पर देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर देने वाले शहीदों को याद किया गया। मौके पर इनौस द्वारा माले कार्यालय से अरवल मोड़ तक मार्च निकाला गया। अरवल मोड़ पर हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि राज्य सरकार ने शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू की शहादत दिवस पर बिहार पुलिस सशस्त्र विधेयक लाकर लाख युवाओं की आकांक्षाओं को ठेस पहुंचाया है। सरकार फिर से आवाज उठाने वालों का मुंह बंद करना चाह रही है। वक्ताओं ने राज्य सरकार से युवाओं को रोजगार देने की मांग की और कहा कि केंद्र सरकार को कृषि बिलों को वापस लेना ही होगा। पुलिस विधेयक, शिक्षा के निजीकरण और बेरोजगारी के खिलाफ 14 अप्रैल तक अभियान चलाने का निर्णय लिया गया। श्रद्धांजलि देने वालों में वरिष्ठ नेता रामजतन शर्मा, रामाधार सिंह, जिला सचिव श्रीनिवास शर्मा, सतेन्द्र रविदास, योगेन्द्र यादव, रामप्रवेश विंद, मुकेश पासवान, बरूण पासवान, शिव कुमार बब्लु, संतोष केशरी, श्याम पांडे, जितेन्द विंद आदि शामिल थे।
फोटो-23 मार्च जेहाना-10
कैप्शन-शहादत दिवस पर रोजगार अधिकार मार्च में शामिल कार्यकर्ता।
इनसेट
शोषण विहीन समाज की स्थापना चाहते थे भगत सिंह
जहानाबाद। नगर संवाददाता
शहीद ए आजम भगत सिंह, सुखदेव एवं राजगुरु की 90 वीं शहादत दिवस माकपा कार्यालय में मनाई गई।
वक्ताओं ने कहा कि भगत सिंह शोषण विहीन समाज की स्थापना चाहते थे। जात पात के भेद भाव को मिटाना और धर्म के आधार पर राजनीति को समाप्त करना उनका मुख्य उद्येश्य था। मौके पर जिला सचिव राम प्रसाद पासवान, दिनेश प्रसाद, दिलीप कुमार, शत्रुघ्न यादव, बैजनाथ साव, अकबर इमाम, ओमप्रकाश सिंह, वीना देवी, सुरेंद्र मिस्त्री, भगवान वर्मा, मिथलेश यादव आदि थे।
इनसेट
भगत सिंह ने देश में तेज की थी क्रांति की मशाल
कलेर। निज संवाददाता
शहीद दिवस के मौके पर उत्क्रमित मध्य विद्यालय बंधु बिगहा में शहीदों के नाम एक परिचर्चा का भी आयोजन किया गया। मौके पर शिक्षक अनिल कुमार राय ने शहीदों को याद करते हुए कहा कि 90 वर्ष पहले आज ही के दिन भगत सिंह राजगुरु एवं सुखदेव ने अपने छोटे से जिंदगी में वैचारिक वर्ग विहीन क्रांति को लेकर जो मशाल जलाया, वह मील का पत्थर है। 23 वर्ष की उम्र में भगत सिंह में आजादी का जब्बा इस कदर था कि अंग्रेजी हुकूमत को भी उनके बलिदान पर सोचने के लिए मजबूर कर दिया। इस मौके पर प्रभारी प्रधानाध्यापक लोकेश कुमार, सुमन रंजन, सत्येंद्र कुमार और रीना कुमारी के अलावे रसोईया भी उपस्थित थे।
इनसेट
श्रद्धापूर्वक याद किए गए देश के महान सपूत
कुर्था। निज संवाददाता
भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव की शहादत दिवस पर भाकपा माले कार्यालय, इनौस तथा एआईडीएसओ कार्यालय के अलावा पीके स्टडी सेंटर में कार्यक्रम आयोजित किए गए। वक्ताओं ने उक्त महान शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। वक्ताओं ने कहा कि शहीदों ने गुलामी की जगह फांसी का फंदा स्वीकार किया। वक्ताओं ने कहा कि आजाद भारत के हुक्मरान भी अंग्रेजों की तरह भारत के बहुसंख्यक जनता के साथ व्यवहार कर रही है। किसान मजदूर नौजवान सभी तबाह हैं। हमें आर्थिक और सामाजिक आजादी की एक और लड़ाई लड़ने को तैयार होना होगा। भाकपा कार्यालय के कार्यक्रम में इनौस नेता अवधेश यादव, महेश यादव, दीपक कुमार, विकी पासवान, सुनील कुमार, एआईडीएसओ कार्यालय में रूपेश कुमार, हरिओम कुमार, पीके स्टडी सेंटर में गणेश कुमार व प्रेम कुमार ने उपस्थित लोगों को संबोधित किया।
इनसेट
भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव को दी गई श्रद्धांजलि
अरवल के कई जगहों पर समारोह का किया गया आयोजन
तीनों वीर सपूतों के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया नमन
अरवल। निज प्रतिनिधि
भाकपा-माले और इंनौस के द्वारा अरवल जिले के कई जगहों पर शहीद ए आजम भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव का 91 वां शहादत दिवस मनाया गया। 23 मार्च 1931 को ही भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव को अंग्रेजों ने फांसी दी थी। अरवल के मधुबन, फतेहपुर संडा, अरवल माले कार्यालय, कुर्था माले कार्यालय समेत अन्य जगहों पर शहादत दिवस मनाया गया। मधुबन खेल के मैदान में इन लोगों के चित्र पर पुष्प चढ़ाए गए और श्रद्धांजलि दी गई। नेताओं ने कहा क आजादी के 73 साल बीत जाने के बावजूद भी देश के नौजवान बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे हैं। किसानों को भी ठगा जा रहा है। कृषि कानून में जो बदलाव लाया गया है। उससे कॉरपोरेट घरानों को फायदा होगा। निजीकरण के नाम पर सरकारी संपत्तियों को बेचा जा रहा है। भगत सिंह के सपनों को साकार नहीं किया जा रहा है। विभिन्न जगहों पर आयोजित कार्यक्रम में माले जिला सचिव जितेन्द्र यादव, रविन्द्र यादव, विजय पासवान, त्रिभूवन शर्मा, रामकुमार वर्मा, सोयेब आलम, महेश यादव, अवधेश यादव, सुनील कुमार, विक्की पासवान समेत अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे।
फोटो-23 मार्च -अरवल-15
कैप्शन-करपी में भगत सिंह को नमन करते कार्यकर्ता।
फोटो-23 मार्च -अरवल-21
कैप्शन-अरवल माले कार्यालय में भगत सिंह के चित्र पर पुष्प चढ़ाते कार्यकर्ता।
इनसेट
शहीद ए आजम भगत सिंह को किया गया नमन
मखदुमपुर। निज संवाददाता
मखदुमपुर प्रखंड के मीरा बिगहा में सीपीएम के कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम आयोजित कर शहीद ए आजम भगत सिंह को नमन किया। आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रखंड सचिव सूर्यकांत सिंह ने की। उन्होंने भगत सिंह की जीवनी पर प्रकाश डाला और कहा कि उनका बलिदान हमेशा याद किया जाएगा। इस मौके पर परमेश्वर दयाल, रतनलाल दास, अरविंद कुमार, मिथिलेश कुमार, चंद्रदीप मिस्त्री, खुर्शीद आलम, पारस यादव, अजहर इमाम समेत कई लोगों ने अपने विचार रखे। भगत सिंह के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई और श्रद्धांजलि दी गई।
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