हर्षोल्लास के साथ मनाई गई होली पर्व पेज चार के लिए
रंग-गुलाल व नए-नए पकवान के लोगों ने चखे स्वाद, कुर्था प्रखंड क्षेत्र में शनिवार को हर्षोल्लास के साथ रंगों का पर्व होली मनाया गया। शहर से लेकर गांव तक बच्चे, युवा एवं बुजुर्ग होली के रंग में रंगे नजर...

रंग-गुलाल व नए-नए पकवान के लोगों ने चखे स्वाद सड़क से गांव तक रंग-गुलाल की मची रही धूम कुर्था, एकसंवाददाता। कुर्था प्रखंड क्षेत्र में शनिवार को हर्षोल्लास के साथ रंगों का पर्व होली मनाया गया। शहर से लेकर गांव तक बच्चे, युवा एवं बुजुर्ग होली के रंग में रंगे नजर आए। सुबह होते ही बच्चों व नौजवानों की टोली ने कादो मिट्टी खेलकर एकदूसरे को खूब कुर्ता व गंजी फाड़ी। इसके बाद युवाओं व बच्चों की टोली रंग, अबीर, गुलाल व पिचकारी लेकर सड़कों व गलियों में उतर गई और जमकर धमाल मचाया। हुड़दंगियों से सड़क गुलजार रहे। कई स्थानों पर कपड़ा फाड़ होली भी खेली गई। होली के पर्व पर लोगों ने भांग का खूब लुत्फ उठाया और फाग गीत गाकर मस्ती की। वहीं शाम तीन बजे के बाद से घरों में और सगे संबंधियों के यहां पहुंचकर भी बच्चों व युवाओं ने बुजुर्गों व महिलाओं को अबीर गुलाल लगाकर उनका आशीर्वाद लिया। घरों में बने पुआ, पूरी, दही बड़ा, शब्जी आदि पकवान खिलाकर लोगों ने एक दूसरे को होली की शुभकामनाएं दी। हालांकि इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था में कुर्था व मानिकपुर थाने की पुलिस जुटी रहीं। स्वयं कुर्था थानाध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार एवं मानिकपुर थानाध्यक्ष पीयूष जायसवाल अपने अपने थानाक्षेत्र में गस्ती करते देखे गए। इनसेट हर्षोल्लास के साथ रंगों का पर्व होली संपन्न करपी, निज संवाददाता। हिंदुओं का महत्वपूर्ण त्यौहार होली धूमधाम के साथ मनाया गया। आपसी सद्भाव एवं प्रेम के साथ लोगों ने एक दूसरे को रंग गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं दी। इसके पूर्व होलिका दहन किया गया। विभिन्न गांव में वैदिक रीति रिवाज के अनुसार होलिका दहन कार्य संपन्न हुआ। होलिका दहन के दिन बड़ी संख्या में नौजवान होलिका दहन के पश्चात लुकवारी लेकर गांव की सीमा तक गए ।परंपरागत रीति रिवाज के अनुसार यह अनुष्ठान भी शांतिपूर्वक संपन्न हुआ ।इसके उपरांत होली का जश्न शुरू हो गया। शुक्रवार को धूलंडी खेली गई जबकि शनिवार को होली का पर्व मनाया गया। शहरी एवं कश्बाई इलाकों में लोगों ने होली का पर्व मनाया। ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष उत्साह देखने को मिला। परंपरागत रीति रिवाज के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में मंदिर एवं ठाकुरबाड़ी से होली गायन की शुरुआत की गई। इसके उपरांत सभी लोगों के दरवाजे पर जाकर होली गायन का कार्य हुआ। इस क्रम में लोगों ने एक दूसरे को अबीर गुलाल लगाकर एक दूसरे को होली की शुभकामनाएं दी।
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