सदर अस्पताल में शव वाहन नहीं रहने से हो रही परेशानी
वाहन उपलब्ध नहीं होने पर मृतक के परिजनों के द्वारा किया जाता है हंगामा, नवम्बर माह से अब तक शव को ले जाने के लिए अन्य वाहनों का लिया जा रहा सहारा
वाहन उपलब्ध नहीं होने पर मृतक के परिजनों के द्वारा किया जाता है हंगामा पूर्व से उपलब्ध वाहन का निविदा समाप्त होने पर एजेंसी ने लिया वापस नवम्बर माह से अब तक शव को ले जाने के लिए अन्य वाहनों का लिया जा रहा सहारा अरवल, निज संवाददाता। जिले के सबसे बड़े अस्पताल सदर अस्पताल में पिछले 1 नवंबर से शव वाहन नहीं है। जिले के सदर अस्पताल में जो शव वाहन चल रहा था उसका एक नवंबर से निविदा खत्म हो चुका है। जिसके कारण एजेन्सी शव वाहन को वापस ले लिया है। एजेंसी के द्वारा जिस समय से सदर अस्पताल से शव वाहन वापस ली गई है। उसी समय से पोस्टमार्टम के बाद कई ऐसे मामले सामने आए हैं। जिसके परिजन शव को ले जाने के लिए कई घंटो पोस्टमार्टम हाउस पर इंतजार करते रहे है,ं लेकिन शव वाहन नहीं मिलने के कारण थक हार कर मृतक के परिजन किसी तरह वैकल्पिक व्यवस्था कर शव को अपने घर लेकर गए हैं। चार दिन पूर्व बैदराबाद मुरादपुर हुजरा के युवक की मौत सड़क दुर्घटना में हुई थी। उसके बाद मृतक के परिजन शव वाहन के लिए सदर अस्पताल को फोन किया, लेकिन शव वाहन नहीं पहुंचने के कारण मृतक के परिजन के द्वारा एनएच 139 को जाम कर आगजनी की गई थी। इसी तरह रविवार की रात में बैदराबाद में ही छत से गिरने के कारण एक बच्चा की मृत्यु हुई। उसके बाद सदर अस्पताल से बच्चा के शव ले जाने के लिए परिजन शव वाहन के लिए घंटो इंतजार किया लेकिन शव वाहन नहीं मिलने पर परिजन ऑटो से शव को घर लेकर गए। सदर अस्पताल में शव वाहन नहीं रहने के कारण जिले में कहीं दुर्घटना होने या अन्य किसी कारण से मौत होने के बाद मृतक के शव को पोस्टमार्टम के बाद शव को मृतक के घर जाने के लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। शव वाहन नहीं रहने से दर्जनों मृतक के परिजन को शव ले जाने मे हो रही है। परेशानी 1 नवंबर से एक दर्जन से अधिक दुर्घटना एवं अन्य मृत्यु सदर अस्पताल में हुई है। लेकिन शव वाहन नहीं रहने के कराण मृतक के शव परिजन किसी तरह ऑटो एवं संबंधित थाने के पुलिस के द्वारा शव को मृतक के घर पहुंचा रहे हैं। सदर अस्पताल प्रबंधक मोहम्मद रिजवान ने बताया कि एक नवंबर से ही शव वाहन का एकारनामा खत्म हो गया है। एकारनामा खत्म होने के बाद संबंधित एजेंसी के द्वारा शव वाहन को वापस ले लिया गया है। शव वाहन नहीं रहने के कारण पोस्टमार्टम के बाद शव को घर भेजवाने और दुर्घटना के बाद शव को लाने के लिए परेशानी हो रही है। शव वाहन उपलब्ध कराने के लिए पटना कंपनी से बात की गई है। कंपनी के द्वारा आश्वासन दिया गया है कि दो दिन के अंदर में सदर अस्पताल को शव वाहन उपलब्ध करा दिया जाएगा। शव वाहन मिल जाने के बाद किसी तरह की कठिनाई नहीं होगी।
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