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दादपुर गांव में सीआरपीएफ जवान का पार्थिव शरीर पहुंचते ही माहौल हुआ गमगीन

परिजनों ने मौत के कारणों का पता लगाने के लिए उच्चस्तरीय जांच की मांग , सीआरपीएफ मोहन शर्मा के पार्थिव शरीर पैतृक गांव दादपुर में पहुंचते माहौल कारुणिक हो गया।

Newswrap हिन्दुस्तान, जहानाबादFri, 25 April 2025 10:37 PM
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दादपुर गांव में सीआरपीएफ जवान का पार्थिव शरीर पहुंचते ही माहौल हुआ गमगीन

परिजनों ने मौत के कारणों का पता लगाने के लिए उच्चस्तरीय जांच की मांग छत्तीसगढ़ के सुकमा में क्वार्टर इंचार्ज के रूप में कार्यरत थे जवान हुलासगंज, निज संवाददाता। सीआरपीएफ मोहन शर्मा के पार्थिव शरीर पैतृक गांव दादपुर में पहुंचते माहौल कारुणिक हो गया। सैंकड़ों की संख्या में उपस्थित ग्रामीणों की आंखें नम हो गई। शुक्रवार की देर शाम मोहन शर्मा का पार्थिव शरीर गांव में पहुंचा तो जवान का पार्थिव शरीर देखने के लिए लोगों की भीड़ लग गयी। लोगों ने अंतिम दर्शन की। बताया गया कि उनका अंतिम संस्कार पटना के फतुहा घाट पर होना है। जवान द्वारा सुसाइड किए जाने की बात से लोग अचंभित हैं। यह पता नहीं चला कि आखिर किस मानसिक दबाव के कारण इतना बड़ा कठोर कदम उठाया गया। मोहन शर्मा 32 वर्षों से केंद्रीय रिजर्व पुलिस में कार्यरत थे। पिछले साल सितम्बर में ही उनका गया से स्थानांतरण छत्तीसगढ़ में हुआ था। वे वर्तमान में छत्तीसगढ़ के सुकमा में क्वार्टर इंचार्ज के रूप में कार्यरत थे। परिजनों ने बताया कि बुधवार की सुबह करीब आठ बजे मोबाइल पर गोली मारकर आत्महत्या करने की सूचना दी गयी। मृतक जवान के चचेरा भाई प्रमोद कुमार ने बताया कि मोहन शर्मा देश के लिए मर मिटने वाले जवान थे। वे सुसाइड नहीं कर सकते थे। परिजनों का आरोप है कि उनके वरीय पदाधिकारियों के द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था। उन्होंने बताया कि क्वार्टर इंचार्ज के रूप में काम कर रहे थे। उनके उपर सभी सामानों की जिम्मेवारी थी। क्वार्टर इंचार्ज होने के कारण कुछ सामान मिस होने का मामला सामने आया था। जिसके कारण विभागीय कार्रवाई की अंदेशा से मानसिक रूप से काफी प्रेशर में थे। हालांकि परिजनों द्वारा इस घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। बताया गया कि फरवरी माह में अपनी एक पुत्री की शादी की थी। कहीं से ऐसा नहीं महसूस हो रहा था कि कोई मानसिक दबाव झेल रहे हैं। जवान के दो बच्चे और तीन बेटी हैं। अभी दो बच्ची की शादी भी नहीं हुई है। जवान की वेवा संजु देवी का रो- रोकर बुरा हाल है। बच्चों की पढ़ाई लिखाई से लेकर शादी विवाह की जिम्मेवारी उनके उपर आ गयी है। फोटो- 25 अप्रैल जेहाना- 21 कैप्शन- हुलासगंज प्रखंड के दादपुर गांव में शहीद के पाथिव शरीर को सलामी देते जवान।

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