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बच्चों को कुपोषण से बचाने में सजग रहें सेविकाएं

आंगनबाड़ी सेविकाओं को शिक्षण कौशल विकसित करने पर दिया बल, कलेर प्रखंड सभागार में बाल विकास परियोजना की ओर से तीन दिवसीय 'पोषण भी, पढ़ाई भी' प्रशिक्षण कार्यक्रम का पहला बैच पूरा हो गया।

Newswrap हिन्दुस्तान, जहानाबादFri, 21 Feb 2025 11:11 PM
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बच्चों को कुपोषण से बचाने में सजग रहें सेविकाएं

आंगनबाड़ी सेविकाओं को शिक्षण कौशल विकसित करने पर दिया बल पोषण और पढ़ाई पर आयोजित हुआ तीन दिवसीय प्रशिक्षण कलेर, निज संवाददाता। कलेर प्रखंड सभागार में बाल विकास परियोजना की ओर से तीन दिवसीय 'पोषण भी, पढ़ाई भी' प्रशिक्षण कार्यक्रम का पहला बैच पूरा हो गया। इसमें 100 आंगनबाड़ी सेविकाओं ने भाग लिया। प्रशिक्षण में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रारंभिक बाल्यावस्था में देखभाल, बच्चों और महिलाओं के पोषण, गर्भवती महिलाओं की देखभाल, स्तनपान और दिव्यांग बच्चों की देखभाल की जानकारी दी गई। महिला पर्यवेक्षिका रेखा कौर ने बताया कि बच्चों और किशोरियों में एनीमिया गंभीर समस्या है। बाल विकास परियोजना पदाधिकारी प्रतिमा कुमारी ने कहा कि जन्म से पांच वर्ष तक के बच्चों में तीन प्रकार के कुपोषण की पहचान जरूरी है। गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों को चिन्हित करने और उनके निवारण के लिए आंगनबाड़ी सेविकाओं को ग्रोथ मॉनिटरिंग डिवाइस के उपयोग की जानकारी दी गई। सीडीपीओ ने बताया कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य बच्चों के पोषण पर ध्यान देने के साथ प्री-स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता सुधारना है। हर बच्चे का समावेशी विकास जरूरी है, चाहे उसकी जाति, धर्म, सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि या दिव्यांगता कुछ भी हो। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को शिक्षण कौशल विकसित करने के अवसर दिए जा रहे हैं, ताकि वे शिक्षक की भूमिका बेहतर निभा सकें। प्रशिक्षण के दौरान 'पोषण भी, पढ़ाई भी' के सभी पहलुओं पर चर्चा हुई। प्रशिक्षण का पहला दिन पूरी तरह से पढ़ाई यानी प्रारंभिक बाल्यावस्था, देखभाल एवं शिक्षा और इसके घटक खेल आधारित शिक्षा के महत्व के बारे में था। जबकि दूसरे दिन पोषण, व्यक्तिगत स्वच्छता, सफाई, आहार संबंधी दिशा निर्देश और बच्चों में कुपोषण के प्रबंधन के लिए प्रोटोकॉल के विषयों को शामिल किया गया। प्रशिक्षण के तीसरे दिन पोषण के साथ-साथ पढ़ाई पर भी चर्चा की गई। दिव्यांग बच्चों की स्क्रीनिंग, समावेशन और रेफरल नव चेतना का उपयोग करते हुए 3 वर्ष के बच्चों के लिए प्रोत्साहन गतिविधियों और बाल मूल्यांकन इसके उपकरण और तकनीक के बारे मे बताया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहित प्रखंड समन्वयक पूरूचरण कुमार उपस्थित थे।

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