तिरहुत स्नातक उपचुनाव के निर्दलीय उम्मीदवार राजेश रौशन की मौत, BJP से बगावत कर भरा था पर्चा
भाजपा के जुझारू कार्यकर्ता और वर्तमान में तिरहुत प्रमंडल स्नातक विधान परिषद उप चुनाव के प्रत्याशी राजेश कुमार रौशन का रविवार की सुबह निधन हो गया। कुढ़नी के सुस्ता माधोपुर स्थित आवास पर उन्होंने अंतिम सांस ली। परिजनों ने हार्ट अटैक होने से मौत होने की जानकारी दी है
भाजपा के जुझारू कार्यकर्ता और वर्तमान में तिरहुत प्रमंडल स्नातक विधान परिषद उप चुनाव के प्रत्याशी राजेश कुमार रौशन का रविवार की सुबह निधन हो गया। कुढ़नी के सुस्ता माधोपुर स्थित आवास पर उन्होंने अंतिम सांस ली। परिजनों ने हार्ट अटैक होने से मौत होने की जानकारी दी है। दो दिन पूर्व राजेश रौशन ने तिरहुत स्नातक विधान परिषद पद के लिए नामांकन किया था। राजेश रौशन विधान परिषद का चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन पार्टी और गठबंधन से उन्हें मौका नहीं दिया गया।
राजेश रौशन के मौत की पुष्टि भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष रंजन कुमार ने की है। उन्होंने असामयिक मौत पर गहरा दुःख प्रकट किया है। उनका अंतिम संस्कार पैतृक गांव में किया जाएगा। राजेश के निधन से भाजपा समेत कई सामाजिक संगठनों के सदस्यों के गहरा शोक संवेदन जताया है। साथ ही इनके निधन को अपूरणीय क्षति बताई है। उनके निधन से मुजफ्फरपुर में शोक की लहर व्याप्त हो गई है।
सीतामढ़ी के सांसद देवेश चंद्र ठाकुर तिरहुत स्नातक क्षेत्र के एमएमलसी थे। उनके लोकसभा चुनाव लड़ने के कारण यह सीट खाली हो गई और उपचुनाव हो रहे हैं। एनडीए ने इस सीट पर जदयू के प्रवक्ता और देवेश चंद्र ठाकुर के रिलेटिव अभिषेक कुमार झा को उतारा है। दूसरी ओर महागठबंध ने राजद के गोपी किशन को मौका दिया है। प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज भी मैदान में है। पीके ने इस क्षेत्र से डॉक्टर विनायक गौतम को उतारा है। विनायक गौतम के पिता राम कुमार सिंह तिरहुत स्नातक से तीन बार एमएलसी रहे। उन्ही को हराकर देवेश चंद्र ठाकुर ने इस सीट पर कब्जा किया था।