बिहार के इस शहर में 160 करोड़ की सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा, खाली कराने में प्रशासन फेल
नगर निगम चाह कर भी इन्हें मुक्त नहीं करा पा रहा है। बीते दो साल में कुछ जगहों पर अतिक्रमण हटाने को लेकर निगम के स्तर से हुए कागजी प्रयास भी विफल रहे। हद तो यह कि शहर के सबसे बड़े फरदो आउटर नाले से लेकर सिकंदरपुर स्लुईस गेट से जुड़े नाले की जमीन तक पर मकान आदि स्थायी निर्माण हो चुके हैं।
बिहार के मुजफ्फरपुर में नगर निगम की 160 करोड़ से अधिक की जमीन पर अवैध कब्जा है। इनमें दामूचक, मिठनपुरा, चंदवारा, धर्मशाला, पुरानी बाजार, जूरन छपरा, कालीबाड़ी, सादपुरा, माड़ीपुर समेत 40 जगहों पर आठ एकड़ से अधिक जमीन शामिल है। शहर के प्रमुख इलाकों से लेकर नदी के किनारे तक के प्लॉट हैं। स्थिति यह है कि खाली पड़ी जमीन पर मकान से लेकर अन्य अस्थायी निर्माण तक हो चुके हैं। साथ ही यह सिलसिला बढ़ता जा रहा है।
नगर निगम चाह कर भी इन्हें मुक्त नहीं करा पा रहा है। बीते दो साल में कुछ जगहों पर अतिक्रमण हटाने को लेकर निगम के स्तर से हुए कागजी प्रयास भी विफल रहे। हद तो यह कि शहर के सबसे बड़े फरदो आउटर नाले से लेकर सिकंदरपुर स्लुईस गेट से जुड़े नाले की जमीन तक पर मकान आदि स्थायी निर्माण हो चुके हैं। फरदो नाला पर बने करीब दो दर्जन अवैध निर्माण को लेकर तत्कालीन डीडीसी सह प्रभारी नगर आयुक्त आशुतोष द्विवेदी ने अतिक्रमणकारियों को जगह खाली कराने के निर्देश दिए थे। हालांकि नोटिस से आगे बात नहीं बढ़ पाई। कई अन्य मामलों में भी यही स्थिति है।
राशि का इंतजाम फिर भी नहीं हुआ चहारदीवारी निर्माण निगम की सुस्ती से अतिक्रमण का दायरा लगातार बढ़ रहा है। पूर्व में स्टैंडिंग व बोर्ड की बैठक में दामूचक में निगम पदाधिकारियों के लिए आवास का प्रस्ताव लाने पर मेयर निर्मला साहू ने निगम की खाली जमीनों की मापी कराकर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे, ताकि जमीनों की स्थिति देख कर आवास, मार्केट कॉम्पेल्क्स, पार्किंग, वेंडिंग जोन आदि के लिए स्थल तय किया जा सके। इसके बाद मापी को लेकर दो अमीन की बहाली की गई। अवैध कब्जा हटाकर चहारदीवारी निर्माण के लिए एक करोड़ का बजटीय प्रावधान किया गया फिर भी नतीजा सिफर ही रहा।
अतिक्रमण की स्थिति
इलाका जमीन पर कब्जा
पुरानी बाजार 3 बीघा
चंदवारा 2 एकड़
गुदरी रोड 2 एकड़
दामूचक 6 कट्ठा
मिठनपुरा 2 कट्ठा
जूरन छपरा 3 कट्ठा
धर्मशाला 6 कट्ठा
माड़ीपुर 2 कट्ठा
कालीबाड़ी 4 कट्ठा
सादपुरा 3 कट्ठा
मिठनपुरा 2 कट्ठा
भूमि सर्वे में हो सकती है परेशानी
राज्य में भूमि सर्वे का काम चल रहा है। इस क्रम में अगर किसी ने फर्जीवाड़ा कर जमीन की जमाबंदी आदि अपने नाम करा ली तो फिर निगम के लिए भी जमीन को वापस हासिल करना मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में निगम अपने जमीनों की पहचान व अवैध कब्जा से मुक्त करके उन्हें रोक सूची में डलवाना चाहती है ताकि कोई गलत इस्तेमाल नहीं कर सके।
मापी कर खाली जमीनों को किया जाएगा सूचीबद्ध
निगम ने अपनी जमीन से अवैध कब्जा हटाकर खाली प्लॉट की घेराबंदी करने के बाद उसका इस्तेमाल करने की योजना बनाई है। इसको लेकर नगर आयुक्त विक्रम विरकर ने निगम के अधिकारियों की टीम गठित कर दी है। खाता व खेसरा नंबर आदि के जरिए पहचान करने के बाद जमीन को सूचीबद्ध करके नगर आयुक्त को रिपोर्ट दी जाएगी।
क्या कहते हैं अधिकारी?
सभी रिकॉर्ड चेक कर निगम की खाली या अवैध कब्जा वाली जमीनों को चिन्हित करेंगे। फिर उन्हें सूचीबद्ध कर रोक सूची में डलवाना है, ताकि कोई गलत तरीके से जमीन की हेराफेरी न कर सके। अवैध कब्जा को हटाकर जमीन की घेराबंदी भी की जाएगी। - सोनू कुमार राय, उप नगर आयुक्त