Hindi Newsबिहार न्यूज़High Court flags botched up investigation in insas rifle cartridges case while acquitting Anant Singh free

अनंत सिंह जेल में थे, पुलिस ने घर पर बताया; 35 मिनट में बनवा ली बैलिस्टिक रिपोर्ट: केस का सत्यानाश कैसे?

  • पटना हाईकोर्ट ने पूर्व विधायक अनंत सिंह को बाढ़ के लदमा स्थित पैतृक आवास से एके 47 और ग्रेनेड की बरामदी केस में बरी तो किया ही, साथ ही पटना विधायक आवास से इंसास राइफल की छह कारतूस और बुलेटप्रूफ जैकेट मिलने के केस में भी रिहा कर दिया। इस केस में तो पुलिस ने जांच के नाम पर सत्यानाश ही कर दिया।

Ritesh Verma लाइव हिन्दुस्तान, पटनाFri, 16 Aug 2024 05:01 PM
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मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह को पटना हाईकोर्ट ने एक साथ दो केस में बाइज्जत बरी कर दिया, जिसके बाद उनकी जेल से गुरुवार को रिहाई हुई। एक केस तो बाढ़ के लदमा में अनंत सिंह के पैतृक आवास से एके 47, 26 कारतूस और दो ग्रेनेड की बरामदी का था। दूसरा केस पटना में अनंत सिंह के विधायक आवास से इंसास राइफल की छह गोलियों और बुलेटप्रूफ जैकेट बरामद होने का था। पुलिस ने एके 47 केस की जांच में भरपूर लापरवाही बरती तो इंसास राइफल गोली और बुलेटप्रूफ जैकेट केस में तो अनुसंधान के नाम पर सत्यानाश कर दिया। हाईकोर्ट ने इस केस में भी निचली अदालत का फैसला पलट दिया और अनंत सिंह को रिहा कर दिया।

अनंत सिंह के पटना विधायक आवास पर 24 जून 2015 को छापा मारा गया था। पुलिस ने कहा कि यह रेड बाढ़ थाना में दर्ज एक केस में कोर्ट से जारी तलाशी वारंट के आधार पर मारा गया था लेकिन पुलिस वो वारंट पेश नहीं कर सकी। सबसे मजेदार बात ये हुई कि पुलिस ने बाढ़ के जिस वारंट की तामील के लिए रेड मारा, उसमें कोई बाढ़ का पुलिस अफसर ही नहीं था जबकि कायदे से दूसरे थाना क्षेत्र में रेड के लिए संबंधित थाना का कोई अधिकारी वारंट के साथ जाता है। लोकल थाना सहयोगी की भूमिका में होते हैं।

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कोर्ट में पुलिस की असल किरकिरी तो तब हुई जब पता चला कि पुलिस ने केस में अनंत सिंह को रेड के दौरान विधायक के तौर पर उन्हें मिले सरकारी आवास में मौजूद बताया और यह भी दावा किया कि अनंत सिंह ने सीजर लिस्ट पर दस्तखत करने से मना कर दिया। जबकि सच्चाई यह थी कि अनंत सिंह बिहटा थाना के एक केस में जेल में बंद थे और इस केस में उनका रिमांड हुआ था। कोर्ट ने माना कि यह छापा और तलाशी अनंत सिंह की गैरमौजूदगी में हुई। पुलिस एके 47 केस की तरह इस केस में भी ये साबित नहीं कर पाई कि अनंत सिंह को विधायक आवास में छुपाकर रखे गए इंसास राइफल के कारतूस या बुलेटप्रूफ जैकेट के बारे में जानकारी थी।

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हाईकोर्ट ने पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि सिर्फ अनुसंधान गड़बड़ नहीं है बल्कि अभियोजन पक्ष एक भी बुनियादी सवाल का जवाब नहीं दे पाया। सीजर लिस्ट और बरामद सामान को सील करने के जगह और समय को लेकर पुलिस अफसरों के बयान एक-दूसरे के विरोधाभासी निकले। रेड में शामिल रहा अफसर भी अपने बयान से पलट गया। कोर्ट ने इस बात का भी नोटिस लिया कि इंसास राइफल की बरामद गोलियों की बैलिस्टिक रिपोर्ट मात्र 35 मिनट में तैयार हो गई। कोर्ट ने पूछा भी कि किस वैज्ञानिक तरीके से कारतूस की जांच की गई कि 35 मिनट में जांच भी हो गई और उसकी रिपोर्ट भी तैयार हो गई।

 

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