जिले में कोरोना से संक्रमित 3827 मरीज हैं होम आइसोलेट
कोरोना से संक्रमित 3827 मरीजों का होम आइसोलेशन में इलाज चल रहा है। इसमें कुछ को तो दवा मिली, वहीं कुछ ने स्वयं दवाएं खरीदी हैं। एंटीजन किट से सैंपल की जांच में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर तुरंत दवाओं...
कोरोना से संक्रमित 3827 मरीजों का होम आइसोलेशन में इलाज चल रहा है। इसमें कुछ को तो दवा मिली, वहीं कुछ ने स्वयं दवाएं खरीदी हैं। एंटीजन किट से सैंपल की जांच में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर तुरंत दवाओं का पैकेट देने का प्रावधान है, जबकि आरटी-पीसीआर या टू-नेट लैब में कोरोना मरीज की पुष्टि होने पर आशा के जरिए दवाएं पहुंचाई जा रही हैं। कई जगह पर कम दवा के मिलने की भी शिकायत रही, जिसे मरीज ने बाहर से खरीदी। ऐसे ही होम आइसोलेट कुछ मरीजों का हॉल आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने ह्वाट्सएप संवाद के जरिए जानने की कोशिश की।
वैशाली जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही बड़ी संख्या में होम आइसोलेशन में रहकर इलाज करा रहे मरीजों का एक ओर तो स्वास्थ्य विभाग उनकी सेहत पर घर पर ही नजर रखने का दावा कर रहा है। लेकिन ह्वाट्सएप संवाद के दौरान लोगों ने जो कहानी बताई वह हकीकत से परे है। ज्यादातर लोगों ने तो अपनी पहचान उजागर करनी नहीं चाही, लेकिन कुछ लोगों ने बताया कि कोई व्यवस्था नहीं है। स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल है। कन्हौली गढ़वाल के सुनील कुमार सिंह ने बताया कि पूरे 14 दिनों तक होम क्वारंटाइन रहा। अस्पताल की ओर से न तो कभी पूछताछ की गई और न ही कोई जानकारी ही इससे बचाव के संबंध में दी गई। खुद मेरे परिजनों ने चिकित्सकों से संपर्क किया और राय लेकर दवा मंगाकर सेवन किया। इसके साथ ही सावधानी बरती और आज ठीक होकर घूम रहा हूं।
महुआ थानाध्यक्ष कृष्णानंद झा भी पिछले दिनों पॉजिटिव पाए गए थे। संक्रमित होने के बाद से वे होम क्वारंटीन में हैं। उन्होंने बताया कि अनुमंडल अस्पताल की ओर से से कोई सुविधा या फिर जानकारी नहीं दी गई है। अपने अनुसार मैंने दवा लिया है। मैं खुद किसी भी तरह की दिक्कत होती है तो डॉक्टर से सलाह लेता हूं।
दो-तीन दिन पहले होम आइसोलेशन से निकले अस्पताल रोड के प्रवीण कुमार दास ने बताया कि अप्रैल महीने की 10 तारीख को मुझे हल्का बुखार आया। उसके बाद शरीर में दर्द होने लगा। भाई के कहने पर मैं सदर अस्पताल में जांच करवाने के लिए पहुंचा था, उस दौरान सदर अस्पताल में जांच नहीं हो सकी। इसके बाद मैं ब्लॉक में जांच करवाने पहुंचा और वहां मैंने एंटीजन जांच करवाई। जांच में मैं संक्रमित पाया गया। इसके बाद मैं घर चला आया। घर पर आकर कोरोना प्रोटोकॉल का ख्याल रखते हुए मैं होम आइसोलेशन हो गए। इस दौरान मुझे कोई दवा की किट नहीं दी गई। दवा भी मैंने खुद खरीदी। किसी तरह की कोई मन में दुविधा न रहे इसका ख्याल रखते हुए 21 दिन मैं होम आइसोलेशन में रहा, लेकिन इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के किसी भी कर्मचारी ने मुझसे संपर्क नहीं किया।
पटेढ़ी बेलसर के बेदौलिया के रहने वाले रितेश कुमार पिछली महीने की 23 तारीख को संक्रमित हुए थे। बेलसर पीएसची में जांच के दौरान संक्रमित पाए गए। उन्होंने बताया कि प्राइवेट चिकित्सक से मैंने इलाज करवाया। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक बाद पूछा गया। उन्होंने बताया कि हमारी दो बेटियां भी संक्रमित हो गई थीं, जिनको भी होम आइसोलेट किया गया। उनकी दवा पीसीएम (हेल्थ मैनेजर) लेकर खुद आए थे। उन्होंने सभी परिवार के सदस्यों का हालचाल लिया। अभी पिता और पुत्री का स्वास्थ्य बेहतर है।
सभी चारों लोगों का फोटो नाम से है।
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