फाइलेरिया उन्मूलन : नोडल व सीएचओं को मिला प्रशिक्षण
हाजीपुर, एक प्रतिनिधिस्वास्थ्य विभाग। फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर सर्वजन दवा सेवन अभियान से जुड़े आशा से लेकर पदाधिकारियों के लिए स्वास्थ्य विभाग। फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर सर्वजन दवा सेवन अभियान से...
हाजीपुर, एक प्रतिनिधि वैशाली जिले में 10 फरवरी से प्रस्तावित फाइलेरिया उन्मूलन अभियान की तैयारी में जुटा स्वास्थ्य विभाग। फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर सर्वजन दवा सेवन अभियान से जुड़े आशा से लेकर पदाधिकारियों के लिए प्रशिक्षण शुरू किया गया है। शुक्रवार को फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की सफलता के लिए जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सर्वजन दवा सेवन अभियान से जुड़े नोडल पदाधिकारी एवं (सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी) सीएचओ को प्रशिक्षण दिया गया। सिविल सर्जन कार्यालय के सभागार में आयोजित प्रशिक्षण में सर्वजन दवा सेवन अभियान के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया गया। टीओटी की अध्यक्षता करते हुए सिविल सर्जन डॉ. श्याम नंदन प्रसाद ने कहा कि सर्वजन दवा सेवन अभियान के दौरान रजिस्टरों में लेखा-जोखा और ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की नितांत आवश्यकता है। यह हमेशा स्पष्ट रहे कि किसी भी स्थिति में दवाओं का वितरण न हो। सामने में सर्वजन दवा खिलाने की जरूरत है। जिला वेक्टर बोर्न डिजिज नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. गुड़िया कुमारी ने टीओटी के दौरान बताया कि इस बार एमडीए, आईडीए 17 दिनों तक चलेगा। पहले 14 दिन में ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर घर घर जाकर लोगों को फैमिली रजिस्टर के अनुसार दवा खिलाएंगे। इसमें दो सप्ताह में पहले छह दिन घर घर जाकर तथा सातवें दिन छुटे हुए लोगों को दवा का सेवन कराकर मॉप अप राउंड चलाया जाएगा। इसके बाद तीन स्कूलों एवं अन्य सार्वजनिक जगहों पर बूथ लगाकर दवाओं का सेवन कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिले में फाइलेरिया नियंत्रण को लेकर दो स्तर पर कार्य हो रहे हैं। पहले स्तर पर साल में एक बार सर्वजन दवा सेवन अभियान चलाया जा रहा है और मच्छरदानी का प्रयोग एवं स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है। दूसरे स्तर पर फाइलेरिया रोगियों की पहचान कर उनके पुनर्वास के लिए कार्य हो रहा है। जो फाइलेरिया मरीज तीसरे स्तर के ऊपर है उन्हें गतिशीलता प्रबंधन का प्रशिक्षण देकर एमएमडीपी किट दिया जा रहा है, ताकि अपना रोग प्रबंधन वे खुद कर सकें। फाइलेरिया हाइड्रोसिल वाले मरीज के शल्य चिकित्सा की व्यवस्था सभी सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध है। प्रशिक्षण ऑफ ट्रेनर के रूप में पीरामल पीएल पियुष चन्द्र, वीडीसीओ राजीव कुमार एवं अमित कुमार ने एमडीए, आईडीए के दौरान दी जाने वाली दवाओं के डोज के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि डोल पोल से नापने के दौरान अगर किसी बच्चे की हाइट 90 सेंटीमीटर से कम हो तो किसी भी हालत में उसे आइवरमेक्टिकन की गोली नहीं देनी है। इसके अलावा दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती माताओं, गंभीर रूप से बीमार लोगों को भी यह दवा नहीं खिलायी जाएगी। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी ऋतुराज जी, डीसीएम निभा रानी, वीडीसीओ धीरेन्द्र कुमार, अनिकेत, सीफार डीसी नीतू कुमारी सक्रिय थीं। फोटो-हाजीपुर-फाइलेरिया उन्मूलन अभियान को लेकर आयोजित प्रशिक्षण में शामिल नोडल सह सीएचओ।
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