कई होटलों में धावा दल ने मारा छापा,एक बाल श्रमिक को कराया मुक्त
नियोजक ने इमादपुर के रितेश कुमार से हेल्पर के रूप में काम ले रहे थे। जिसक बाल श्रम कार्य से को विमुक्त कराया गया। बाल श्रमिक से बात करने पर पता चला किमें काम ले रहे थे। जिसक बाल श्रम कार्य से को...
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हाजीपुर। नि.सं. बाल श्रम उन्मूलन के लिए श्रम संसाधन विभाग के द्वारा चलाए जा रहे धड़-पकड़ अभियान के तहत शनिवार को जिला स्तरीय गठित धावादल ने हाजीपुर-मुजफ्फरपुर राष्ट्रीय उच्च मार्ग के किनारे अवस्थित कई होटलों और संसथानों में छापेमारी की। इस दौरान भगवानपुर प्रखंड से 01 बाल श्रमिक को एक होटल से विमुक्त कराया गया। है। श्रम अधीक्षक शशि कुमार सक्सेना ने बताया यह जानकारी देते हुए बताया कि मेसर्स गणेश मिष्ठान एवं चाट समोसा भंडार के नियोजक ने इमादपुर के रितेश कुमार से हेल्पर के रूप में काम ले रहे थे। जिसक बाल श्रम कार्य से को विमुक्त कराया गया। बाल श्रमिक से बात करने पर पता चला कि उन्हें नियमानुसार न्यूनतम मजदूरी का भी भुगतान नहीं किया जा रहा था। बाल एवं किशोर श्रम (विनियमन एवं उन्मूलन) अधिनियम, 1986 यया संशोधित, 2016 के आलोक में बाल श्रमिकों को विमुक्त कराया गया है। नियोजक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश नियोजक के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करने एवं अन्य अनुवर्ती कार्रवाई करने का निदेश संबंधित क्षेत्र के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी को दी गई है। विदित हो कि बाल श्रम करवाने वाले नियोजकों को 20,000/- से लेकर 50,000/- रूपये तक जुर्माना अथवा छः माह का कारावास या दोनों का प्रावधान है। साथ ही एमसी मेहता बनाम तामिलनाडु सरकार के आलोक में सर्वोच्च न्यायालय के पारित आदेश के आलोक में नियोजक को प्रति बाल श्रमिक 20,000/- रूपये जिला में संधारित बाल श्रमिक पुनर्वास कोष के खाता में जमा करना होगा। न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, 1948 के अन्तर्गत भी उपरोक्त नियोजकों के विरूद्ध कार्रवाई की जाऐगी। सरकार श्रमिकों को तत्काल देती है आर्थिक सहायता योग्य बाल श्रमिकों को तत्काल आर्थिक सहायता के रूप में 3,000/- रूपये प्रति विमुक्त बाल श्रमिक के बैंक खाते में राशि अंतरण करने का प्रावधान है। साथ ही मुख्यमंत्री राहत कोष से 25,000/-रूपये प्रति बाल श्रमिक की दर से संबंधित विमुक्त बाल श्रमिक के बैंक खाते में राशि को उनके नाम से फिक्स डिपोजिट कराया जाना है। बाल श्रम उन्मूलन में शामिल स्टेट होलडर जैसे शिक्षा विभाग, सामाजिक सुरक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग एवं अन्य विभाग विमुक्त बाल श्रमिक एवं उनके पारिवार को अपने विभाग से संबंधित लाभ देने का प्रावधान है।
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