जिले में पशुगणना शुरू, पशुधन के विकसित करने में गणना जरूरी: डॉ. प्रभावती
21 वीं पशुगणना मोबाइल एप के माध्यम से ऑनलाइन होगा जिले में पशुगणना शुरू, पशुधन के विकसित करने में गणना जरूरी डॉ. प्रभावती जिले में पशुगणना शुरू, पशुधन के विकसित करने में गणना जरूरी डॉ. प्रभावती
21 वीं पशुगणना मोबाइल एप के माध्यम से ऑनलाइन होगा गोवंश, भैंसजाति, बकरी, घोड़ा से अनेक प्रकार पशुजातियों का गणना होगा हाजीपुर। एक प्रतिनिधि वैशाली जिले में 21 वीं पशुगणना की शुरुआत शुक्रवार से की गई। जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. प्रभावती कुमारी ने विधिवत पशुगणना की शुरुआत किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि 21 वीं पशुगणना मोबाइल एप के माध्यम से ऑनलाइन होगा। उन्होंने बताया कि गोवंश, भैंसजाति, बकरी, घोड़ा से अनेक प्रकार पशुजातियों का गणना होगा। पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अशोक कुमार को पशुगणना की सफलता के लिए नोडल पदाधिकारी बनाया गया है। डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि आगामी 28 फरवरी 2025 तक पशुगणना पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। गणना की सफलता के लिए जिले भर में 253 प्रगणक एवं 22 पर्यवेक्षक को लगाया गया है। इसके अलावा जिला व प्रखंड स्तर से निगरानी टीम पशुगणना की प्रक्रिया की मॉनिटरिंग करने की जवाबदेही सौंपी गई है। उन्होंने बताया कि शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में प्रगणक घर-घर जाकर गृहस्वामी से मिलकर पशुओं व पशु के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर मोबाइल एप पर ऑनलाइन अपलोड करेंगे, जिसमें पशु के नस्ल, लिंग, उम्र, रंग आदि जुटाएंगे। इसके अलावा प्रगणक पशुपालकों के नात-पता, मोबाइल नंबर, शिक्षा व आय से संबंधित जानकारी व स्थानीय निवासी है या बाहर से आकर पशुपालन कर रहे हैं। इसकी जानकारी भी लेने का कार्य करेंगे। इसके लिए पशु प्रगणकों को विस्तार से पूर्व में प्रशिक्षण दिया गया है। जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. प्रभावती कुमारी का कहना है कि पशुगणना से जिले में सभी प्रकार के पशुओं के आंकड़ा प्राप्त हो जाएगा। आंकड़े अनुरुप पशुधन के विकास के लिए योजना बनाने में मदद मिलेगी जिससे पशुपालक आत्मनिर्भर भी होंगे। मालूम हो कि 20 वीं पशुगणना के आंकड़े के अनुसार जिले में 04 लाख 33 हजार 555 गोवंश व भैंस जाति के पशु बताया गया है जिसमें 02 लाख 72 हजार 893 गोवंश एवं 01 लाख 60 हजार 662 भैंस जाति के पशु बताया गया है।
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