Hindi Newsबिहार न्यूज़GST evasion in bihar on the name of poor people 200 fake companies

बिहार में GST चोरी का बड़ा खेल, 200 कंपनियों पर शिकंजा; गरीबों के नाम पर फर्जीवाड़ा

गौरतलब है कि इस वर्ष अगस्त में डीजीजीआई (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ गुड्स एंड सर्विस टैक्स इंटेलिजेंस) ने ऐसी फर्जी कंपनी का रैकेट चलाने वाले मुजफ्फरपुर के अहियापुर मंडी से स्क्रैप के व्यापारी और इसके एक मास्टरमाइंड प्रेम सुंदर चौधरी को गिरफ्तार किया गया था।

Nishant Nandan हिन्दुस्तान, पटनाMon, 14 Oct 2024 06:12 AM
share Share

बिहार में बड़ी संख्या में खोखा या फर्जी कंपनी बनाकर जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के अंतर्गत इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) चोरी का खेल चल रहा है। केंद्रीय जीएसटी महकमा ऐसी 200 से अधिक संदिग्ध फर्जी कंपनियों के खिलाफ जांच में जुटा हुआ है। इस वर्ष अब तक दर्जनों ऐसी कंपनियों का निबंधन रद्द किया गया है। जल्द ही जीएसटी महकमा ऐसी कागजी कंपनियों के खिलाफ राज्यभर में व्यापक अभियान शुरू करने की तैयारी में है। इसमें शामिल बड़े माफियाओं को जल्द दबोचा भी जाएगा। इसे लेकर गया, औरंगाबाद, सारण, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, भागलपुर समेत अन्य जिलों में तेजी से पड़ताल चल रही है।

गौरतलब है कि इस वर्ष अगस्त में डीजीजीआई (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ गुड्स एंड सर्विस टैक्स इंटेलिजेंस) ने ऐसी फर्जी कंपनी का रैकेट चलाने वाले मुजफ्फरपुर के अहियापुर मंडी से स्क्रैप के व्यापारी और इसके एक मास्टरमाइंड प्रेम सुंदर चौधरी को गिरफ्तार किया गया था। इससे जुड़े फर्जीवाड़ा के एक बड़े लिंक की जानकारी सामने आई है। इसकी जांच अलग से चल रही है।

गरीबों के नाम पर खोली जाती है कंपनी

जीएसटी फर्जीवाड़ा में जिन कंपनियों का प्रयोग किया जाता है, वे अधिकांश दूसरे राज्यों के पते पर खोली जाती हैं। हालांकि, बिहार में अलग-अलग जिलों के पते पर भी ऐसी कंपनियां मौजूद हैं। अधिकतर ऐसी कंपनियों के कागज पर मालिक मजदूर वर्ग के लोग ही होते हैं। जो लोग बिहार से दूसरे राज्यों में काम करने जाते हैं, इन्हें काम देने के पहले आधार और पैन कार्ड लिया जाता है। इनका ही प्रयोग करके ऐसी कंपनियां खोली जाती हैं। जांच में दरभंगा, जहानाबाद, वैशाली, सारण जिलों में कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं।

ऐसे किया जाता है फर्जीवाड़ा

ऐसी फर्जी कंपनियों के बिल पर कागजी खरीद-बिक्री दिखाई जाती है। कई फर्जी कंपनियों के बीच ई-वे बिल के माध्यम से सामान को कागज पर ही भेजा और प्राप्त भी किया जाता है। एक फर्जी कंपनी दूसरी खोखा कंपनी को सामान बेचती या इनसे कागज पर खरीदती है। व्यावसायिक गतिविधि दिखाकर आईटीसी का लाभ गलत तरीके से लिया जाता है। कुछ फर्जीवाड़ा करने वाले सामान का दाम काफी बढ़ा देते हैं और इसकी कागज पर खरीद-बिक्री दिखाकर आईटीसी का गलत तरीके से लाभ प्राप्त कर लेते हैं।

अगला लेखऐप पर पढ़ें