प्रेम से ही ईश्वर होते हैं प्रकट: त्रिपाठी
कुचायकोट में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दौरान मानस मधुकर शिवानंद त्रिपाठी ने कहा कि प्रेम एक ऐसा साधन है जिससे ईश्वर प्रकट होते हैं। उन्होंने बताया कि सच्चे भक्त की भक्ति से भगवान भी भक्त के वश में हो...
Newswrap हिन्दुस्तान, गोपालगंजThu, 14 Nov 2024 08:26 PM
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कुचायकोट। प्रेम ही एक ऐसा साधन है । जिससे ईश्वर भी प्रगट हो जाते हैं। प्रखंड के दुबे खरेया में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा की अमृत पान का श्रावण कराते कराते हुए मानस मधुकर शिवानंद त्रिपाठी ने उक्त बातें कही। कहा कि प्रेम एक विज्ञान है। ईश्वर स्वतंत्र है, पर सच्चे भक्त की भक्ति ईश्वर को बांध देती है। भक्त के पास भक्ति की भावना होगी तो भगवान भी उस भक्त वश में हो जाते हैं। जीव का एक मात्र धर्म ईश्वर की शरणागति है।
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