Hindi Newsबिहार न्यूज़गोपालगंजThe death of the corona and its symptomatic patients did not stop

कोरोना व इसके लक्षण वाले मरीजों की मौत का नहीं थम रहा सिलिसला

दहशत का आलम हिन्दुस्तान खास का टैग लगा दें का आलम है। जिले में भले ही कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण की दर घटी है और रिकवरी रेट भी बढ़ा है। लेकिन, दम घुटने, कोरोना और मिलते-जुलते...

Newswrap हिन्दुस्तान, गोपालगंजTue, 18 May 2021 09:21 PM
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गोपालगंज। हिन्दुस्तान संवाददाता।जिले में पिछले दो महीने में दम घुटने, कोरोना और मिलते-जुलते लक्षणों से ग्रसित लोगों की मौत का सिलसिला जारी रहने से लोगों में दहशत का आलम है। जिले में भले ही कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण की दर घटी है और रिकवरी रेट भी बढ़ा है। लेकिन, दम घुटने, कोरोना और मिलते-जुलते लक्षणों से ग्रसित लोगों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है। कोरोना की दूसरी लहर में पूरे जिले में अप्रैल व मई महीने में सिर्फ सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में इलाजरत कुल 191 लोगों की मौत हुई है। इसमें 151 लोगों की मौत कोरोना व उससे मिलते-जुलते लक्षणों से बीमार होने पर हुई है। ये मौतें सरकारी स्तर पर संचालित आइसोलेशन या कोविड केयर सेंटरों में हुई है। जिसमें सबसे अधिक 126 मौत हथुआ आइसोलेशन व कोविड केयर सेंटर में हुई है। जबकि, थावे आइसोलेशन सेंटर में 21, झझवां आइसोलेशन सेंटर में दो और बनकटी आइसोलेशन सेंटर में एक मौत हुई है। इसके अलावा सदर अस्पताल में 40 लोगों की मौत सांस लेने में परेशानी या दम घुटने से हुई है।

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इलाज में देरी और अन्य बीमारियों के कारण हुई मृत्यु

जिले के सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों और आइसोलेशन सेंटरों में हुई मौत के मामले में इलाज में देरी व अन्य बीमारियों से ग्रसित होना ही मुख्य कारण बताया जा रहा है। आइसोलेशन सेंटरों से मिली जानकारी के अनुसार अधिकांश मरीज पहले होम आइसोलेशन हैं और खुद ही कहीं से पूछताछ या जानकारी प्राप्त कर अपना इलाज करने के बाद जब हालत बिगड़ी तब सरकारी आइसोलेशन सेंटरों में भर्ती हुए । ऐसे में काफी गंभीर स्थिति वाले मरीजों की जान नहीं बच पायी है। इसके अलावा कई मरीज ऐसे भी हैं जो डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, लीवर खराब या अन्य बीमारियों से पूर्व से ही ग्रसित थे। इनके शरीर पर कोरोना वायरस का संक्रमण काफी अधिक असर कर गया। यही कारण है कि पूर्व से उक्त बीमारियों से ग्रसित लोगों की स्थिति बिगड़ने पर वे बच नहीं पाए और उनकी मौत हो गयी।

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ग्रामीण क्षेत्रों में हुई है अधिक मौतें

कोरोना की दूसरी लहर के बीच दम घुटने, कोरोना और मिलते-जुलते लक्षणों से ग्रसित लोगों की मौत के सबसे अधिक मामले जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में ही पाए गए हैं। जिसमें फुलवरिया व उचकागांव में सबसे अधिक मौतें हुई हैं। इसके अलावा भोरे, कटेया,सिधवलिया व थावे आदि प्रखंडों के विभिन्न गांवों के निवासियों की मौत कोरोना की दूसरी लहर में हुई है। शहरी क्षेत्र से अधिक ग्रामीण क्षेत्रों में मौत होने से लोगों में हड़कंप भी मचा हुआ है।

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