जिले में वायु प्रदूषण की समस्या बनी गंभीर,बीमार हो रहे लोग
को गोपालगंज शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक फोटो संख्या- 12- शहर से सटे बंजारी में जलाए जा रहे कचरे से निकल रहा धुआं गोपालगंज, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। गोपालगंज शहर सहित जिले के कई इलाकों में वायु प्रदूषण...
हिन्दुस्तान विशेष प्राय: हर वर्ष खासकर सर्दियों के दिनों में वायु की गुणवत्ता हो जाती है खराब हवा में धूल व धुआं की मात्रा बढ़ने का असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा इंफो 150 से 250 या इससे से अधिक रह रहा है शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक 178 रहा गुरुवार की शाम को गोपालगंज शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक गोपालगंज, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। गोपालगंज शहर सहित जिले के कई इलाकों में वायु प्रदूषण की समस्या गंभीर बनी हुई है। दीपावली के बाद से ही हवा में धूल व धुआं की मात्रा बढ़ने का असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। विगत एक सप्ताह में सांस संबंधी बीमारियों के मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है। शहर की वायु गुणवत्ता सूचकांक 150 से 250 या इससे से भी अधिक रह रहा है। सड़कों पर दौड़ते खटारा वाहन, खुले में जलाए जा रहे कूड़े , चिमनियों एवं अलाव धुएं, निर्माण कार्यों से उड़ रहे धूल कण से भी हवा प्रदूषित हो रही है। डॉक्टरों की माने तो 100 से अधिक पर वायु गुणवत्ता सूचकांक से कई तरह की बीमारियों के होने की आशंका बढ़ जाती है। वैसे बिहार के अधिकांश शहरों की हवा प्रदूषित हो चुकी है। इसमें गोपालगंज भी शामिल है। हालांकि गोपालगंज की वायु गुणवत्ता सूचकांक का स्तर अन्य शहर व जिलों की अपेक्षा थोड़ा कम है। लेकिन, सेहत की दृष्टि से हानिकारक है। गुरुवार को जिले का वायु गुणवत्ता सूचकांक सुबह में 158, दोपहर में 92 और शाम को 178 पर रहा। पेड़ पौधों पर भी पड़ रहा असर हाईवे किनारे वाहनों के परिचालन से उड़ते धूल और प्रदूषण का प्रभाव पेड़ पौधों पर भी पड़ रहा है। धूल और प्रदूषण एनएच 27 तथा स्टेट हाईवे के किनारे पर पौधे और पेड़ की पत्तियों पर जमी धूल से पौधे कुम्हला रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार प्रदूषक कण के पेड़ों की पत्तियों पर जम जाने से उनके श्वसन और प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया प्रभावित हो जाती है। वायु प्रदूषण और वायुमंडल में अन्य कणों में वृद्धि बादलों के विकास को इस तरह से प्रभावित कर सकती है जिससे शुष्क मौसम में वर्षा कम हो जाती है। तेज हवा या बारिश से मिलेगी राहत पश्चिम प्रदेश की ओर से आने वाली हवाओं की रफ्तार तेज रहने पर प्रदूषण में कमी आ सकती है। अथवा यदि इस मौसम में बारिश हुई तो मौसम साफ दिखने लगेगा और प्रदूषण का स्तर भी कम होगा। फिलहाल इस सप्ताह में बारिश होने की संभावना नहीं है। लेकिन मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार दो दिन बाद 11 से 14 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है। इससे वायु प्रदूषण से राहत मिलने की संभावना है। वायु प्रदूषण है मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक डॉ. राजीव रंजन बताते हैं कि परिवेशीय वायु प्रदूषण फेफड़ों के कैंसर, तीव्र श्वसन संक्रमण,हृदय रोग,क्रोनिक अवरोधक फेफड़ा रोग और स्ट्रोक का एक प्रमुख कारण है। पार्टिकुलेट मैटर हवा में पाए जाने वाले ऐसे कण हैं, जिसमें धूल, गंदगी, कालिख,धुआं और फ्लूइड ड्राप भी शामिल हैं । प्रदूषण के बड़े कारण - अनफिट वाहनों से निकल रहे धुएं - निर्माण कार्यों की वजह से उड़ रही धूल - खुले में कचरे व प्लास्टिक के जलाए जाने से - जगह-जगह अलाव से निकल रहे धुएं - ईंट भट्ठों व दूसरे उद्योगों से निकल रहे धुएं वायु प्रदूषण के मानक असर 0-50 सामान्य मामूली 51-100 संतोषजनक संवेदनशील लोगों को सांस में थोड़ी परेशानी 101-200 मध्यम फेफड़े, हृदय रोगियों को सांस में दिक्कत 201-300 खराब लंबे समय तक संपर्क में अधिकांश को समस्या 301-400 ज्यादा खराब ज्यादा समय तक संपर्क में श्वसन बीमारियां 401-500 गंभीर रोगियों को अत्यधिक नुकसान [5:07 pm, 21/11/2024] Pramod Tiwari:
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