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कर्मियों की हड़ताल से चरमराई मीरगंज नगर की सफाई व्यवस्था,लोग परेशान

पिछले तीन दिनों से हड़ताल पर हैं नगर परिषद मीरगंज के सफाई कर्मी हड़ताल के कारण कचरे का उठाव बंद होने से चारों तरफ फैली है गंदगी

Newswrap हिन्दुस्तान, गोपालगंजSun, 11 May 2025 09:41 PM
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कर्मियों की हड़ताल से चरमराई मीरगंज नगर की सफाई व्यवस्था,लोग परेशान

उचकागांव,एक संवाददाता। मजदूरी बढ़ाए जाने की मांग को लेकर मीरगंज नगर परिषद के सफाई कर्मी पिछले तीन दिनों से बेमियादी हड़ताल पर हैं। जिससे नगर की सफाई व्यवस्था चरमरा गई है। शहर के मुख्य चौक-चौराहे सहित गलियों में कूड़े-कचरे का ढेर लग गया है। जहां सुबह से लेकर शाम तक आवारा कुत्ते व सूअर मंडरा रहे हैं और गंदगी फैला रहे हैं। कचरे का उठाव नहीं होने से चारों तरफ गंदगी फैल रही है। जिससे शहर के लोगों का जीना दुश्वार हो गया है। हालांकि नगर प्रशासन की ओर से वैकल्पिक व्यवस्था के तहत सफाई कराई जा रही है। लेकिन, उसका खास असर देखने के लिए नहीं मिल रहा है।

शहर के विभिन्न इलाकों में कचरे का अंबार लगा हुए है। सफाई कर्मियों की हड़ताल के कारण फिलहाल नगर में पूरी तरह से सफाई व्यवस्था ठप है। इससे शहरवासी परेशान हैं और गंदगी के कारण क्षेत्र में संक्रामक बीमारियों के फैलने का डर है। ----------- बोले सफाई कर्मी हड़ताल पर चले रहे सफाई कर्मी गब्बर बासफोर, दूधनाथ बास फोर, विजय बासफोर, जितेंद्र बासफोर, अशोक बासफोर, राजू बासफोर ने बताया कि हमलोगों को मजदूरी कम दी जा रही है। सफाई मद के पैसे का बंदरबांट कर दिया जाता है। जब तक हम लोगों की मांग पूरी नहीं होती है तब तक हड़ताल पर रहेंगे। इधर, हड़ताल के कारण नगर की बिगड़ती दुर्दशा को लेकर मुख्य पार्षद अनिता देवी और उप मुख्य पार्षद धनंजय यादव ने सफाई कर्मियों से मिलकर उन्हें समझाने का प्रयास किया। लेकिन, कर्मियों ने अपनी मांग को दोहराते हुए कहा कि जब तक हम लोगों की मजदूरी नहीं बढ़ती है तब तक डटकर हड़ताल पर रहेंगे। कर्मियों का कहना है कि सफाई मद में अधिक राशि खर्च हो रही है। फिर भी उन्हें कम वेतन क्यों दिया जा रहा है। -------------- 13 साल में सफाई के खर्च में हुई बेतहाशा वृद्धि मिली जानकारी के अनुसार नगर की सफाई के लिए कुछ सफाई कर्मी स्थायी तौर पर हैं। जबकि सौ से अधिक सफाई कर्मी आउटसोर्सिंग के द्वारा काम करते हैं। पुराने सफाई कर्मी वेतन पाते हैं और आउट सोर्सिंग द्वारा रखें गए कर्मी दैनिक मजदूरी पाते हैं। वर्ष 2012 में सफाई मद में प्रति माह 75 से 90 हजार रुपए खर्च होते थे। वर्ष 2017 में सफाई का काम आउट सोर्सिंग के माध्यम से टेंडर में डाला गया। जिसमें प्रतिमाह 14 लाख रुपए खर्च होते थे। वहीं वर्ष 2019 में 18 लाख रुपए में सफाई का टेंडर दिया गया। जब 2022 में नए परिसीमन के आधार पर हुए चुनाव के बाद सफाई का खर्च 29 लाख रुपएप्रति माह कर दिया गया। उसके बाद से अब तक 29 लाख रुपए प्रतिमाह सफाई मद में खर्च हो रहा है। नगर परिषद का दर्जा मिलने के बाद क्षेत्र का विस्तार कर दस नए वार्डों का गठन किया गया। इन वार्डो में भी आउटसोर्सिंग से सफाई कार्य करायी जाती है।

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