Improved Newborn Care Facilities in Gopalganj Hospitals to Reduce Infant Mortality प्रसव कक्ष में ही होगी नवजात की देखभाल,मृत्यु दर में आएगी कमी , Gopalganj Hindi News - Hindustan
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प्रसव कक्ष में ही होगी नवजात की देखभाल,मृत्यु दर में आएगी कमी

विशेष 0 अस्पतालों में विकसित की जा रही है शिशु देखभाल की तीन स्तरीय प्रणाली 30 दिनों के अंदर ग्रामीण इलाकों के अस्पतालों में शिशु देखभाल कक्ष होगा सुसज्जित फोटो- 18 फोटो कैप्शन: सदर अस्पताल स्थित...

Newswrap हिन्दुस्तान, गोपालगंजTue, 13 May 2025 10:20 PM
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 प्रसव कक्ष में ही होगी नवजात की देखभाल,मृत्यु दर में आएगी कमी

गोपालगंज। हमारे संवाददाता। जिले के अस्पतालों में अब नवजात शिशुओं को जन्म के तुरंत बाद ही समुचित देखभाल मिल सकेगी। स्वास्थ्य विभाग ने प्रसव कक्षों में ही नवजात शिशु देखभाल कक्ष को सुसज्जित करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसका उद्देश्य यह है कि गंभीर अवस्था में शिशुओं को एसएनसीयू भेजने से पहले ही आवश्यक प्राथमिक उपचार मिल जाए और रास्ते में उनकी मृत्यु की संभावना कम हो। प्रसव कक्षों में रेस्पिरेटर, वेंटिलेटर, इन्क्यूबेटर, वार्मर और मॉनिटर जैसे अत्यावश्यक उपकरण लगाए जा रहे हैं। साथ ही, प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों की नियुक्ति की जाएगी। जिनमें पेरिनेटल नर्स, शिशु रोग विशेषज्ञ और नवजात विशेषज्ञ शामिल होंगे।

नवजात देखभाल के लिए स्वास्थ्य विभाग तीन स्तरीय कार्यप्रणाली विकसित कर रहा है। जिसमें जन्म के तुरंत बाद देखभाल,सामान्य देखभाल व आपातकालीन स्थिति में देखभाल शामिल हैं। जिला अस्पतालों को दिए गए निर्देश सदर अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल हथुआ, रेफरल अस्पताल भोरे, कटेया, फुलवरिया, सीएचसी उचकागांव, थावे, कुचायकोट, सिधवलिया, बैकुंठपुर और बरौली सहित तमाम अस्पतालों में यह व्यवस्था लागू होगी। संक्रमण से सुरक्षा और पोषण की भी होगी व्यवस्था नवजात देखभाल कक्षों में संक्रमण नियंत्रण, सुरक्षित प्रसव, वेंटिलेशन, पोषण और आवश्यक दवाओं की भी व्यवस्था की जाएगी। साथ ही, सभी गतिविधियों के लिए सख्त दिशा निर्देश तैयार किए जा रहे हैं। सदर अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. सौरभ अग्रवाल ने बताया कि यह एक महत्वपूर्ण पहल है । जिससे नवजात मृत्यु दर में निश्चित रूप से कमी आएगी। कई बार शिशु को एसएनसीयू पहुंचाने से पहले ही जान चली जाती है। लेकिन, अब प्रसव कक्ष में ही जरूरी इलाज मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि सदर अस्पताल में कुछ मशीनें पहले से इंस्टॉल कर दी गई हैं । बाकी की जल्द ही व्यवस्था की जाएगी। कोट स्वास्थ्य विभाग की यह पहल नवजात शिशुओं की जान बचाने और सुरक्षित प्रसव की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। आने वाले समय में इसके सकारात्मक परिणाम सामने आने की पूरी उम्मीद है। डॉ. वीरेन्द्र प्रसाद,सीएस,गोपालगंज

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