गोपालगंज : थावे में भजन सम्राट अनूप जलोटा ने कहा- गीत संगीत हमारी आत्मा को परमात्मा से जोड़ता है
प्रख्यात गजल गायक व भजन सम्राट अनूप जलोटा ने कहा है कि गीत-संगीत हमें परमात्मा से जोड़ता है। एकाकार करता है। चित्त से विषाद को मिटाता है। शास्त्रीय संगीत अपनी विरासत है। इसमें सभी राग-रागिनियां समाहित...
प्रख्यात गजल गायक व भजन सम्राट अनूप जलोटा ने कहा है कि गीत-संगीत हमें परमात्मा से जोड़ता है। एकाकार करता है। चित्त से विषाद को मिटाता है। शास्त्रीय संगीत अपनी विरासत है। इसमें सभी राग-रागिनियां समाहित हैं। ‘हिन्दुस्तान से एक खास बातचीत में उन्होंने कहा कि देश में पश्चिमी संगीत का घालमेल अच्छा नहीं है। द्विअर्थी गाने पर सरकार को प्रतिबंध लगाना चाहिए। रेडिया व दूरदर्शन में इसे दिखाने व सुनाने पर पाबंदी लगे। कहा कि भारत की अनमोल धरोहर शास्त्रीय संगीत है। आज की युवा पीढ़ी को इसके मर्म व महत्व को बताने की जरूरत है। खुशी की बात यह है कि भजन व गजल गायकी में बहुत सारी प्रतिभाएं आगे आ रही हैं। इसमें निताशा अग्रवाल,प्रभंजय चतुर्वेदी व दीपक ठाकुर के नाम उल्लेखनीय है। यह हमारी विरासत है। गजल की मिठास हमें अ“लादित करती है। भजन हमारी आस्था व विश्वास को मजबूत करती है। प्रभु प्रेम में हमें पगा देता है। रमा देता है। भजन सम्राट ने कहा कि उम्र की इस दहलीज पर उन्हें लगता है कि परमात्मा ने हमें इतना नाम व शोहरत दे दिया,जिसके लायक भी नहीं थे। कभी सोचा नहीं था कि उनका इतना नाम हो जाएगा। वे श्याम चौरासी घराने से आते हैं। उनके पिता जी भी गायक थे। पदम श्री मिल चुका है। वे आज भी गीत संगीत से सुर की अराधना करने में जुटे हैं।
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