सामाजिक और आर्थिक बदलाव की अग्रदूत बन रही नारी
कुचायकोट प्रखंड के जीविका महिला संकुल संघ कार्यालय में धूमधाम से मनाया गया अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस

कुचायकोट। एक संवाददाता "यत्र नार्यस्तु पूज्यंते, तत्र रमन्ते देवताः।" अर्थात, जहां नारी का सम्मान होता है, वहां देवताओं का वास होता है। आज की नारी सिर्फ अबला नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक बदलाव की अग्रदूत बन रही है। इसी भावना के साथ कुचायकोट प्रखंड के मंगलम, आयुष्मान, आशीर्वाद और अभिनंदन जीविका महिला संकुल संघ कार्यालय में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ जीविका की अध्यक्ष कमलावती देवी, आरती देवी और प्रखंड परियोजना प्रबंधक प्रीतम कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। नशामुक्त व दहेजमुक्त समाज बनाने के लिए संकल्पित प्रखंड परियोजना प्रबंधक प्रीतम कुमार ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर महिलाएं न सिर्फ आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं, बल्कि समाज में एक नई पहचान बना रही हैं। उन्होंने बताया कि पूरे जिले और प्रदेश की महिलाएं नशामुक्त और दहेजमुक्त समाज बनाने के लिए संकल्पित हैं। घरेलू हिंसा और लैंगिक भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाकर वे आत्मनिर्भरता की नई मिसाल पेश कर रही हैं। छोटे उद्योगों से आत्मनिर्भरता की ओर उन्होंने आगे बताया कि सैकड़ों महिलाएं जीविका समूहों से जुड़कर वित्तीय सहायता प्राप्त कर रही हैं और छोटे उद्योगों से अपनी आजीविका को मजबूत कर रही हैं। इससे न सिर्फ वे स्वयं आत्मनिर्भर बन रही हैं, बल्कि अपने परिवारों को भी आर्थिक मजबूती दे रही हैं। कार्यक्रम में शामिल महिलाओं ने अपने अनुभव साझा किए और बताया कि कैसे जीविका समूह से जुड़कर उनकी जिदगी बदली है। इस अवसर पर जीविका की उत्प्रेरक सुनीता देवी, सीमा देवी, गीता देवी, शैलेश देवी, तथा कर्मी तबरेज आलम, आशुतोष कुमार, अनुपम कुमार, प्रबंस कुमार, नवीन कुमार, अभिषेक कुमार और इंद्रदेव रविदास समेत कई लोग उपस्थित रहे।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।