भोरे में डेंगू बना जानलेवा,एक महीने में मिले 53 मरीज
स्थानीय रेफरल अस्पताल में प्रतिदिन पहुंच रहे मरीज किट के अभाव में दो दिनों से डेंगू की जांच है बाधित
भोरे। एक संवाददाता प्रखंड में डेंगू जानलेवा बनता जा रहा है। अबतक इस बीमारी से दो लोगों की जान जा चुकी है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। दोनों मरीज निजी क्लीनिक में इलाज करा रहे थे। उधर, इस स्थिति में भी पिछले दो दिन से किट के अभाव में स्थानीय रेफरल अस्पताल में डेंगू का जांच बंद है। मरीज अस्पताल से बैरंग लौटने को मजबूर हो रहे हैं। स्थानीय रेफरल अस्पताल के पिछले 40 दिनों के रिकॉर्ड को देखा जाए, तो अभी तक कुल 153 लोगों की जांच हुई है, जिसमें से 53 लोग डेंगू से ग्रसित मिले हैं। इस आंकड़े में निजी अस्पतालों के मरीज शामिल नहीं हैं। उधर, प्रखंड में अभी तक डेंगू के दो संदिग्ध मरीजों की जान भी जा चुकी है। भोरे के महेंद्र गोसाई को पहले डेंगू हुआ और उसके बाद हुए ब्रेन हेमरेज से उनकी मौत हो गई। वहीं पांडेय खजुरहां के वीर बहादुर पांडेय की 13 वर्षीय पुत्री अर्चना कुमारी की मौत भी डेंगू से होने की बात बताई जा रही है। ------- दो दिन से किट के अभाव में जांच बंद लगातार डेंगू के मरीज मिलने के बाद भी किट की कमी के कारण रेफरल अस्पताल भोरे में पिछले दो दिन से डेंगू की जांच बंद है।बताया जाता है कि शनिवार को तीन मरीजों की जांच रैपिड टेस्ट किट से की गई थी,जिसमें से एक में डेंगू के लक्षण मिले थे। किट शनिवार को ही की समाप्त हो गया था। लेकिन सोमवार को भी कीट की उपलब्धता नहीं हो पाई, जिसके कारण लैब के सामने दो दर्जन से अधिक मरीज जांच के लिए अपनी बारी का इंतजार करते रहे। थक हार कर उन्हें वापस लौटना पड़ा। इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. रिशु कुमार ने बताया कि डेंगू की जांच लगातार कराई जा रही है। फॉगिंग का कार्य भी चल रहा है। रविवार होने के कारण किट उपलब्ध नहीं हो पाया है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।