Hindi NewsBihar NewsGopalganj NewsCelebration of Mirza Ghalib s 227th Birth Anniversary with Poetry Recitals in Hathua

मिर्ज़ा ग़ालिब को समझने और पढ़ने की जरूरत: डॉ. शरफ

हथुआ में मनायी गई मशहूर शायर मिर्जा गालिब की जयंती7वीं जयंती का आयोजन शुक्रवार की शाम बंगाली लाइन, हथुआ में किया गया। डॉ. शर्फुद्दिन शरफ ने मिर्ज़ा ग़ालिब से जुड़े कई किस्से सुनाए। कहा कि कहीं न कहीं ये...

Newswrap हिन्दुस्तान, गोपालगंजSat, 28 Dec 2024 10:53 PM
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हथुआ में मनायी गई मशहूर शायर मिर्जा गालिब की जयंती शायरों ने मौके पर सुनायी एक से बढ़ कर एक गजल व नज्म हथुआ, एक संवाददाता। उर्दू और फ़ारसी के मशहूर शायर मिर्ज़ा ग़ालिब की 227वीं जयंती का आयोजन शुक्रवार की शाम बंगाली लाइन, हथुआ में किया गया। डॉ. शर्फुद्दिन शरफ ने मिर्ज़ा ग़ालिब से जुड़े कई किस्से सुनाए। कहा कि कहीं न कहीं ये ग़ालिब की ही देन है कि हम यहां शायरी कर रहे हैं। शायर अफ़रोज़ आलम ने कहा कि ग़ालिब बहुत बड़े शायर थे। हमें उनको पढ़ने और समझने की ज़रूरत है। इस अवसर पर अफरोज आलम ने ग़ालिब के शेर पढ़े। अपनी ग़ज़लें सुनाईं कि ‘वक्त की नब्ज़ पे अंगुश्त रखी हो जैसे एक साहिर ने कोई बात कही हो जैसे,उसकी आंखों की तरफ़ देखा तो एहसास हुआ राख की तह में कोई आग दबी हो जैसे पटना से आए शायर समीर परिमल ने सुनाया कि ‘बहुत हो चुकी ख़ुद से वादा ख़िलाफ़ी निभाने, हम अपनी क़सम चल पड़े हैं,ग़ज़ल में है वो बेक़रारी का आलम कि पत्थर के सारे सनम चल पड़े हैं व डॉ. नीलम श्रीवास्तव ने सुनाया कि ‘पूनम का है चांद गगन में चांदनी जैसी रात नहीं बांट सकें ग़म एक दूजे के दिल में वो जज़्बात नहीं। कार्यक्रम का संचालन किया डॉ. शरफ ने तथा बिंदेश्वरी प्रसाद ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम में ज्योति किरण, बिंदेश्वरी प्रसाद, नागेंद्र तिवारी, राजेश कुमार आदि थे।

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