अनुदान वितरण में जिले का श्रम विभाग सूबे में दूसरे पायदान पर
-छात्रवृत्ति,प्रवासी मजदूर दुर्घटना व बिहार शताब्दी अनुदान में भी बेहतर प्रदर्शनके अनुदान वितरण के मामले में श्रम विभाग गोपलगंज सूबे में दूसरे पायदान पर है। जिले में श्रम विभाग द्वारा बिहार शताब्दी...
-छात्रवृत्ति,प्रवासी मजदूर दुर्घटना व बिहार शताब्दी अनुदान में भी बेहतर प्रदर्शन 1 अप्रैल से 31 अक्टूबर छह माह की राज्य स्तर पर जिलों की की गई रैंकिंग गोपालगंज,हमारे संवाददाता। सभी प्रकार के अनुदान वितरण के मामले में श्रम विभाग गोपलगंज सूबे में दूसरे पायदान पर है। जिले में श्रम विभाग द्वारा बिहार शताब्दी छात्रवृत्ति योजना व प्रवासी मजदूर दुर्घटना में 179 लाभुकों को अनुदान की राशि वितरित की गई है। इसमें बिहार शताब्दी अनुदान योजना के तहत 105 लाभुकों के बीच 30 हजार से 50 तक राशि वितरित की गयी है। इसमें 83 मजदूरों को स्वाभाविक मृत्यु पर जबकि 22 को दुर्घटना के बाद अनुदान दिया गया है। जबकि प्रवासी मजदूर दुर्घटना अनुदान 10 लोगों के बीच वितरित किया गया है। इसमें 8 के खाते में भुगतान किया जा चुका है। जबकि 2 अभी प्रक्रियाधीन है। विभाग द्वारा छात्रवृत्ति योजना के तहत 64 लाभुकों के बीच राशि वितरित की गयी है। ज्ञात हो कि असंगठित एवं प्रवासी मजदूरों को राज्य सरकार की तरफ कई योजनाओं का लाभ दिया जाता है। इसमें असंगठित क्षेत्र में कार्यरत कामगारों को बिहार शताब्दी असंगठित कार्यक्षेत्र कामगार व शिल्पकार सामाजिक सुरक्षा योजना व बिहार राज्य प्रवासी मजदूर योजना छात्रवृत्ति योजना का लाभ श्रमिकों को दिया जाता है। राज्य सरकार ने असंगठित क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों के कल्याण को लेकर बिहार शताब्दी असंगठित कार्यक्षेत्र कामगार एवं शिल्पकार सामाजिक सुरक्षा एवं प्रवासी योजना को वर्ष 2011 में लागू किया गया था। इसके तहत बिहार राज्य के सभी असंगठित क्षेत्र के मजदूरों कि दुर्घटना में मृत्यु होने,स्वाभाविक मृत्यु होने,पूर्ण स्थायी निशक्तता, अस्थायी नि:शक्तता आदि के मामले में पीड़ित परिवार के आश्रित को लाभ दिया जाता है। तीन जगहों पर लिए जाते हैं आवेदन बिहार शताब्दी असंगठित कामगार,शिल्पकार सामाजिक सुरक्षा एवं अप्रवासी मजदूर इस योजना के तहत दुर्घटना होने पर तीन जगहों में से किसी एक जगह पर आवेदन किए जाते हैं। प्रखंड, जिला श्रम अधीक्षक कार्यालय एवं डीएम कार्यालय में आवेदन लिए जाते हैं। इस योजना के अंतर्गत श्रमिक की मृत्यु होने पर पचास हजार,स्वाभाविक मृत्यु पर तीस हजार,पूर्ण निशक्तता पर पचहत्तर हजार, अस्थायी निशक्तता पर सैंतीस हजार पांच सौ रुपये दिए जाने का प्रावधान है। जबकि दुर्घटना के बाद पांच दिन तक अस्पताल में भर्ती रहने पर पांच हजार रुपए तथा असाध्य रोग के मामले में सहायता के रूप में अधिकतम 75 हजार रुपए दिए जाते हैं। कोट श्रमिकों को योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए समय-समय पर जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है। वैसे इस जिले के मजदूर काफी जागरूक हैं। जिसके चलते जिला सूबे में दूसरे पायदान पर पहुंचा है। लेकिन, मार्च 1 नंबर लाने के लिए प्रयास जारी है। सुबोध कुमार, श्रम अधीक्षक, गोपलगंज
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