कवियों के काव्य की श्रोताओं ने की जमकर तारीफ
प्रखंड स्थित बिहार विकास विद्यालय में शनिवार की देर शाम काव्यांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया...
कुचायकोट। प्रखंड स्थित बिहार विकास विद्यालय में शनिवार की देर शाम काव्यांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें कई सुप्रसिद्ध कवियों ने एक से बढ़कर एक काव्य प्रस्तुत कर खूब वाहवाही लूटी और दर्शकों ने भी खूब तालियां बजाईं। कवियों ने अपनी कविताओं के माध्यम देशभक्ति व सामाजिक मुद्दों पर प्रकाश डाला और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संदेश दिया। कवि संजय मिश्र संजय ने सुनाया कि ‘बेटी सृष्टि का मूल बीज होती है। यह तो हर दिल अजीज होती हैं। घर मुकम्मल नहीं है बेटा से। बेटी घर की तमीज होती है। इस प्रस्तुति पर सभी श्रोता वाह-वाह कह उठे। कवि सुनील कुमार तंग ने सुनाया कि ‘कुछ को हर एक चेहरे में राम दिखता है, कुछ की हर एक चेहरे में रहमान दिखता है, कुछ को गुरु ग्रंथ साहिब का फरमान दिखता है, मेरे आंखों में तो मोतियाबिंद है, शायद हर एक चेहरे में इंसान ही दिखता है। वहीं गोरखपुर से पहुंची नीशा राय ने नारी सशक्तिकरण पर क काव्य प्रस्तुत की। ‘यह है मर्दानी दुश्मन से भी लड़ सकती है, चांद को भी छू सकती हैं। मंगल पर उतर सकती हैं ये कलियां। खिलती कलियां है ये इन्हें खेलने का मौका दो। खुशबुओं को बंधन में बांधो साहब। स्कूल के छात्र अनुज कुमार तिवारी ने देश भक्ति पर अजमल सुल्तानपुरी की कविता को बेहतरीन ढंग से प्रस्तुत किया। ‘मुसलमा और हिंदू की जान, कहां है मेरा हिंदुस्तान, मैं उसी को ढूंढ रहा हूं। मैं उसको ढूंढ रहा हूं। मेरे बचपन का हिंदुस्तान, न बांग्लादेश, न पाकिस्तान मेरी आशा मेरा अरमान वो पूरा हिंदुस्तान मैं उसको ढूंढ रहा हूं पर श्रोताओं ने जमकर तालियां बजायीं। वहीं वर्ग नौ की छात्रा श्वेता पांडेय ने शहीदों पर काव्य प्रस्तुत किया ‘नमन उनको कि जो यशकाय को अमरत्व देकर इस जगत के शौर्य के जीवित कहानी हो गए हैं। है नमन उनको कि जिनके सामने बौना हिमालय जो धरा पर गिर पड़े पर आसमानी हो गए हैं। काव्य पर दर्शकों की खूब वाह -वाही बटोरी।
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