फुलवरिया में सरकारी कार्यालयों में लगेगी हाई मास्ट लाइट
65 लाख की योजना स्वीकृत, प्रमुख बाजारों में भी रोशनी की व्यवस्था की है योजनाके इलाकों को भी फायदा पहुंचेगा। प्रशासन क्षेत्र के तीन बड़े बाजारों बथुआ बाजार, मिश्र बतरहां बाजार और कोयला देवा बाजार में...

65 लाख की योजना स्वीकृत, प्रमुख बाजारों में भी रोशनी की व्यवस्था की है योजना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, थाना परिसर, मनरेगा कार्यालय आदि जगहों पर लगेगी लाइट फुलवरिया। एक संवाददाता फुलवरिया प्रखंड के सरकारी दफ्तर अब अंधेरे में नहीं डूबेंगे। जिला प्रशासन की पहल पर करीब 65 लाख की लागत से हाई मास्ट लाइट लगाने की योजना को मंजूरी मिल गई है। योजना पर तेजी से काम शुरू भी हो गया है। जल्द ही प्रखंड के कई कार्यालय परिसर रोशनी से जगमगा उठेंगे। जिला योजना पदाधिकारी विनय कुमार ने बताया कि पंच मंदिर, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, थाना परिसर, मनरेगा कार्यालय, प्रखंड-अंचल कार्यालय तथा अवर निबंधन व कृषि कार्यालय के संयुक्त परिसर में हाई मास्ट लाइट लगाई जा रही हैं।
इन लाइटों के लगने से न केवल कार्यालय परिसरों में रोशनी होगी, बल्कि आसपास के इलाकों को भी फायदा पहुंचेगा। प्रशासन क्षेत्र के तीन बड़े बाजारों बथुआ बाजार, मिश्र बतरहां बाजार और कोयला देवा बाजार में भी हाई मास्ट लाइट लगाने की योजना पर विचार कर रहा है। इन बाजारों में ज्वेलरी, कपड़ा, किराना सहित कई व्यवसायिक प्रतिष्ठान हैं, जहां ग्राहकों की भीड़ लगी रहती है। कार्यालय परिसरों की बनेगी चहारदीवारी, मुख्य द्वार का भी होगा निर्माण फुलवरिया प्रखंड के कार्यालय परिसरों में जल्द ही चहारदीवारी और मुख्य प्रवेश द्वार का निर्माण शुरू होगा। यह निर्णय परिसर की सुरक्षा, स्वच्छता और अनुशासन बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है। चहारदीवारी निर्माण का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। यह जानकारी देते हुए जिला योजना पदाधिकारी विनय कुमार ने कहा कि स्वीकृति मिलते ही काम शुरू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि निर्माण कार्य प्रखंड-अंचल कार्यालय, अवर निबंधन कार्यालय, बीआरसी, कौशल विकास केंद्र, मनरेगा कार्यालय, कृषि कार्यालय और राजकीय मध्य विद्यालय में किया जाएगा। चहारदीवारी के साथ प्रत्येक परिसर में एक भव्य मुख्य द्वार भी बनाया जाएगा, जिससे विभागीय वाहनों और आगंतुकों के प्रवेश-निकास को सुव्यवस्थित किया जा सके। अधिकारियों के अनुसार, कई बार आवारा पशु और शरारती बच्चे परिसर में घुसकर पौधों को नुकसान पहुंचाते हैं। भवनों में लगे उपकरणों से छेड़छाड़ करते हैं। चहारदीवारी के निर्माण से इस प्रकार की गतिविधियों पर रोक लगेगी। सरकारी संपत्ति की बेहतर सुरक्षा हो सकेगी।
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