तीन लाख दो, आधे घंटे में लाइसेंस के साथ हथियार लो; बिहार पुलिस का बड़ा खुलासा
एसडीपीओ टाउन टू विनीता सिन्हा ने बताया कि बिहार एसटीएफ ने भोजपुर के मनोज यादव को गिरफ्तार किया था, जिससे पूछताछ में पता चला कि फर्जी लाइसेंस पर अवैध हथियार कई लोगों को दिए गए हैं।
महज आधे घंटे के अंदर तीन लाख रुपये में हथियार के लाइसेंस के साथ पिस्टल और 16 गोलियां मिल जा रही हैं। इस तरह फर्जी लाइसेंस पर अवैध पिस्टल, बंदूक और गोलियां लेकर प्राइवेट गार्ड घूम रहे हैं। फर्जी लाइसेंस पर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में बनी पिस्टल अवैध तरीके से कैसे मुहैया हो रही है, इसकी तह में पुलिस पहुंचने की कोशिश कर रही है। सदर और ब्रह्मपुरा थाना इलाके से फर्जी लाइसेंस, अवैध पिस्टल व कारतूस के साथ गिरफ्तार हुए तीन गार्ड रोहतास जिले के काराकाट थाना के रघुनाथपुर निवासी आलोक मिश्रा उर्फ टंडुल मिश्रा, भोजपुर जिले के शाहपुर थाने के टीकापुर निवासी मुन्ना राय और रोहतास जिले के कछवा थाना के मंगराव निवासी धनंजय चौबे को पुलिस ने शनिवार को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। इसके साथ ही पुलिस ने मामले में जांच शुरू कर दी है।
एसडीपीओ टाउन टू विनीता सिन्हा ने बताया कि बिहार एसटीएफ ने भोजपुर के मनोज यादव को गिरफ्तार किया था, जिससे पूछताछ में पता चला कि फर्जी लाइसेंस पर अवैध हथियार कई लोगों को दिए गए हैं। उससे पूछताछ के बाद बिहार एसटीएफ की टीम मुजफ्फरपुर पहुंची, जिसके बाद जूरन छपरा में गार्ड की नौकरी कर रहे आलोक मिश्रा उर्फ टंडुल मिश्रा को पकड़ा गया। उसके पास से मिले हथियार और लाइसेंस की जांच की गई, जो फर्जी निकला। पूछताछ में उसने बताया कि उससे मनोज यादव और धंनजय ने तीन लाख रुपये लिए थे। रुपये मिलने के बाद बगैर किसी दस्तावेज के लाइसेंस, पिस्टल व 16 गोलियां उपलब्ध करा दीं। इसके बाद सदर थाना के भगवानपुर में एक वाहन एजेंसी के मालिक के बॉडीगार्ड की नौकरी कर रहे धनंजय और मुन्ना राय को पकड़ा गया।
धनंजय ने जो लाइसेंस उपलब्ध कराया, उसकी जांच मुजफ्फरपुर शस्त्रत्त् अधिकारी से कराई गई। उनके द्वारा रिपोर्ट दी गई कि धनंजय के पास से मिला लाइसेंस मध्य प्रदेश के सतना जिले के अमरपाटन तहसील के कुम्हारी गांव निवासी राम सिंह के नाम से पंजीकृत है। धनंजय ने गलत लाइसेंस प्रस्तुत किया है। वहीं मुन्ना राय के द्वारा उपलब्ध कराए गए लाइसेंस की जांच की तो वह फर्जी पाया गया। मुन्ना राय से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि तीन लाख रुपये में भोजपुर के वारिसवन निवासी विक्की तिवारी ने बगैर कोई कागजात लिए आधे घंटे के अंदर लाइसेंस, पिस्टल और 15 गोलियां उपलब्ध कराई थीं, जबकि धनंजय ने लाइसेंस व आर्म्स के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी।
फर्जी लाइसेंस पर 500 से अधिक हथियार होने की आशंका
नगालैंड और पूर्वोत्तर राज्यों के फर्जी लाइसेंस पर मुजफ्फरपुर में 500 से अधिक शस्त्रत्त् होने की आशंका है। इसको लेकर विशेष शाखा की टीम कई बार रिपोर्ट कर चुकी है। फर्जी लाइसेंस पर शस्त्रत्त् लेकर कई नेता व जनप्रतिनिधि तक चल रहे हैं। विशेष शाखा सूत्रों के अनुसार इन फर्जी लाइसेंस पर दूसरे राज्यों से गोलियां खरीदकर अपराधियों के हाथों बेचने का भी धंधा बड़े पैमाने पर हो रहा है। इसको लेकर जिले में एक गिरोह सक्रिय है, जो लाखों रुपये लेकर फर्जी लाइसेंस और हथियार मुहैया करा रहा है। बता दें कि विशेष शाखा की रिपोर्ट पर जिले के सभी थानेदारों को नगालैंड व पूर्वोत्तर राज्यों के लाइसेंस पर हथियार रखने वालों का सुराग लगाने व उनके हथियार जब्त करने का निर्देश एसएसपी ने जारी किया था।