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सड़क हादसे में 2 फुट के रामावतार की मौत

-शुक्रवार की सुबह कोतवाली थाना क्षेत्र के किरानी घाट के पास की घटना -अज्ञात

Newswrap हिन्दुस्तान, गयाFri, 2 May 2025 08:51 PM
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सड़क हादसे में 2 फुट के रामावतार की मौत

कोतवाली थाना क्षेत्र के ए एन रोड किरानी घाट मोड़ के पास सड़क हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई। घटना शुक्रवार की अहले सुबह की है। मृतक 2 फुट के 45 वर्षीय रामावतार यादव फतेहपुर प्रखंड के बगाही गांव के मूल रूप से रहने वाले थे। गया में रजिस्ट्री ऑफिस व उत्पाद विभाग परिसर में रहते थे। वो ऑफिस में कातिबों के बीच काम करते थे। इस मामले में पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की करवाई की। बताया गया की हर रोज की तरह शुक्रवार की अहले सुबह भी करीब बीस इंच के दिव्यांग रामवतार यादव अपनी इलेक्ट्रिक ट्राई साइकिल से निकले।

किरानी घाट के रवि होटल के पास अज्ञात वाहन ने पीछे से उनकी ट्राई साइकिल में टक्कर मार दी। इस घटना में रामावतार अपनी ट्राई साइकिल से नीचे सड़क पर गिर गए। सिर से खून बहने लगा। इसी वक्त एक व्यक्ति रंजन ने रामावतार को उसकी ट्राई साइकिल पर लादकर पीछे से धकेलते हुए नजदीक जेपीएन अस्पताल ले आए। यहां तुरंत इलाज शुरू हो नहीं सका। डॉक्टर और अन्य कर्मियों की लापरवाही और अनदेखी के कारण कुछ देर बाद उसकी मौत। ट्राई साइकिल पर ही रामावतार ने दम तोड़ दिया। इसके बाद डॉक्टर ने देखकर मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना कोतवाली थाने को दी गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए मगध मेडिकल भेजा। अस्पताल में इलाज नहीं किया गया ट्राई साइकिल पर लादकर अस्पताल लाने वाले मददगार राहगीर शाहमीर तक्या के रहने वाले रंजन प्रसाद ने बताया की जेपी हॉस्पिटल में गंभीर रूप से घायल दिव्यांग रामावतार यादव का इलाज नहीं किया गया। जांच तो दूर किसी ने ट्राई साइकिल से उतार कर बेड पर ले जाना भी उचित समझा। अस्पताल में मौजूद वसीका नवीस और रजिस्ट्री ऑफिस के कर्मियों ने आरोप लगाया की अगर समय से इलाज होता तो शायद रामावतार यादव की जान बच जाती। घटना की सूचना पर उनके परिजन भी अस्पताल पहुंच गए। हर दिन दुःखहरिणी माता को नमन करने का था नियम कार्यालय के सत्येंद्र कुमार, डीड राइटर शैलेन्द्र सिन्हा छोटू , वसंत रजक और अन्य ने बताया की हर दिल अजीज रामावतार यादव हर दिन अहले सुबह दुःख हरिणी मंदिर जाता। माता को नमन करने के बाद घूमते हुए वापस रजिस्ट्री ऑफिस लौट आता। शुक्रवार की सुबह भी हर दिन की तरह रामावतार यादव मंदिर निकला था। लौटने के क्रम में ये यह भीषण घटना हुई और रामावतार में दुनिया को अलविदा कह दिया। इस हृदय विदारक घटना से पूरा दस्तावेज नवीस परिवार, जिला अवर निबंधन कार्यालय के कर्मी सहित उनके जान पहचान वाले शोक में डूब गए। घटना से रामावतार यादव के परिजन कब बुरा हाल है। रामावतार यादव के छोटे से कंधे पर घर की बड़ी जिम्मेवारी थी। इस घटना पर बिहार दस्तावेज नवीस संघ ने गहरा शोक जताया है।

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