शेरघाटी के सीओ को दाखिलखारिज केस की गिनती घटाने का टास्क
शेरघाटी के सीओ को दाखिलखारिज केस की गिनती घटाने का टास्क दिसम्बर के अंत तक 50-50 की संख्या तक घटाएं म्युटेशन केस डोभी में सर्वाधिक 557 मामले लम्बित, ब
शेरघाटी अनुमंडल के तमाम अंचलाधिकारियों को इस वर्ष के अंत तक दाखिल खारिज वादों की गिनती घटाकर 50 तक लाने का टास्क दिया गया है। आज की तिथि में डोभी में सर्वाधिक 557 तो बांकेबाजार में सबसे कम 104 मामले पेंडिंग हैं। शेरघाटी अनुमंडल में 9 अंचल हैं।
सोमवार को शेरघाटी के डीसीएलआर रंजीत कुमार रंजन की अध्यक्षता में हुई राजस्व कार्यों की समीक्षा के दौरान अंचलाधिकारियों को यह जिम्मेवारियां सौंपी गई है।
समीक्षा के दौरान दाखिल खारिज और परिमार्जन जैसे प्रमुख विषयों के अलावा राजस्व से जुड़े दूसरे कार्यों की भी बारीक परख की गई। बैठक के दौरान डीसीएलआर ने दाखिल खारिज वादों के निबटारे में बेहतर काम करने वाले डुमरिया, बाराचट्टी, मोहनपुर, आमस और बांकेबाजार आदि अंचलों में तैनात अंचलाधिकारियों और राजस्वकर्मियों की तारीफ भी की। उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर पर बेहतर और तेजी से किए गए कार्य के कारण ही समूचे शेरघाटी अनुमंडल में दाखिल खारिज वादों की संख्या घटकर दो हजार से कम हो गई है, जबकि चार महीने पूर्व तक लम्बित म्युटेशन वादों की गिनती 15 हजार तक पहुंच गई थी। उन्होंने इसके लिए तमाम सीओ को यह मंत्र भी दिया कि दाखिल खारिज के लिए आने वाले वादों की संख्या से अधिक निबटारे की संख्या होनी चाहिए। इसके लिए उन्होंने स्थापित और नियमसम्मत प्रक्रिया के पालन का भी ध्यान रखने को कहा है। बैठक में डुमरिया के सीओ का प्रभार संभाल रहे अंकुर कुमार, मोहनपुर के आरओ प्रिकांशु कुमार और आमस के अंचलाधिकारी अरशद मदनी आदि मौजूद थे।
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