टास्क: अनुमंडलीय अस्पताल टिकारी में एआरवी की हमेशा रहती है कमी
फोटो- टिकारी अस्पताल में वैक्सीनेशन कक्ष में बैठी कर्मी। टिकारी। निज संवाददाता अनुमंडलीय अस्पताल टिकारी में एंटी रैविज वैक्सीन (एआरवी) नहीं रहने से...
फोटो- टिकारी अस्पताल में वैक्सीनेशन कक्ष में बैठी कर्मी।
टिकारी। निज संवाददाता
अनुमंडलीय अस्पताल टिकारी में एंटी रैबिज वैक्सीन (एआरवी) नहीं रहने से मरीज परेशान हैं। अस्पताल में 12 मार्च से वैक्सीन नहीं है। यहां एआरवी की हमेशा कमी बनी रहती है।
अनुमंडल स्तर का अस्पताल होने के बाद भी पीएचसी/ सीएचसी की तरह एक बार में महज 40 वैक्सीन की सप्लाई की जाती है। अस्पताल की ओर से हमेशा पांच सौ वैक्सीन की डिमांड की जाती है। लेकिन मांग के विरुद्ध दस फीसदी वैक्सीन की भी सप्लाई नहीं हो पाती है। अस्पताल में दो मार्च को 40 और दस मार्च को 40 एआरवी उपलब्ध कराया गया है। 11 मार्च को 15 और 12 मार्च को 24 मरीजों को वैक्सीन लगायी गई। दोनों दिन 12-12 मरीजों को पहली डोज की वैक्सीन दी गई थी। ऐसे में दो और डोज के लिए अब तक वैक्सीन नहीं उपलब्ध हो सकी है। अस्पताल सूत्रों के अनुसार पहली वैक्सीन कुत्ता काटने के 24 घंटों के भीतर, दूसरा तीन दिनों के बाद और तीसरी वैक्सीन दूसरे डोज के चार दिनों के बाद दी जाती है। समय पर वैक्सीन नहीं उपलब्ध होने की वजह से बुधवार को मनोरमा देवी और बबलू कुमार निराश होकर लौट गए। एआरवी रहने पर टिकारी अस्पताल में एक दिन में औसतन बीस मरीजों को एंटी रैविज की वैक्सीन लगायी जाती है।
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