साहित्य से जुड़ा युवा कभी पथ से विचलित नहीं होता: सत्येंद्र
टिकारी नगर में कहानी विथ कॉफी कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें ठेस कहानी पर चर्चा की गई। वक्ताओं ने कहा कि कहानीकार फनीश्वर नाथ रेणु का कला और समाज के बीच संबंध महत्वपूर्ण है। कलाकार की संवेदनाओं को...
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टिकारी नगर क्षेत्र में कहानी विथ कॉफी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की पांचवीं कड़ी के रूप में ठेस कहानी पर चर्चा की गई। चर्चा में वक्ताओं ने कहा कि प्रख्यात कहानीकार व साहित्यकार फनीश्वर नाथ रेणु की लिखी कहानी ठेस कलाकार मन की स्वाभाविक तस्वीर है। कलाकार का मन कोमल, दयालु, स्वच्छंद और स्वाभिमानी होता है, लेकिन समाज उसके कला को सम्मान नहीं देता है। कलाकार साथ घटी एक घटना उसके दिल पर ठेस पहुंचती है। वह चुपचाप अपने अपमान का घूंट पी लेता है, लेकिन कोई जबाब नहीं दे पाता है। अंत में अपने गांव की बेटी को ठेस लगने से बचाता है और उसकी मनुकूल सामग्री बनाकर भेंट करता है। सीयूएसबी के शोधार्थी सत्येंद्र कुमार ने कहा कि साहित्य से समाज को जोड़ना प्रबुद्ध लोगों का पहला कर्तव्य है। साहित्य से जुड़ा युवा कभी पथ विचलित नहीं होता। कहानी और कविता से जुड़ी ऐसे कार्यक्रमों की अत्यंत आवश्यकता है। कार्यक्रम में हिंदी के प्राध्यापक डॉ राजन, हिमांशु शेखर, नारायण मिश्रा, राजेश कुमार, अनिल राव मौजूद रहे।
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