संविधान के विरुद्ध हिन्दी की प्रकृति में मनमाना हस्तक्षेप जारी
दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के भारतीय भाषा विभाग द्वारा विश्व हिंदी दिवस सप्ताह के अंतर्गत एक विशेष संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में दीप प्रज्वलन, कविता पाठ और वरिष्ठ साहित्यकारों...
विश्व हिन्दी दिवस सप्ताह के अंतर्गत दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के भारतीय भाषा विभाग की ओर से विशेष संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों और प्राध्यापकों के द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। कार्यक्रम पर्यवेक्षक सहायक प्राध्यापक डॉ. रामचन्द्र रजक के स्वागत भाषण के बाद विद्यार्थियों ने स्वरचित विभिन्न विषयों पर कविता का पाठ किया। वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सचिदानंद प्रेमी ने ‘विश्व हिन्दी दिवस मनाने की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला। श्री अरविंद महिला कॉलेज, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, पटना के स्नातकोत्तर हिन्दी विभाग के अध्यक्ष प्रो शिवनारायण ने हिन्दी के व्यावहारिक प्रयोग में लचीलापन अपनाये जाने की बात कही।
भारतीय भाषा विभाग के अध्यक्ष प्रो. सुरेश चन्द्र ने कहा कि वर्तमान में हिन्दी के शिक्षक, शोधार्थी, विद्यार्थी, लेखक एवं पत्रकार संविधान विरुद्ध हिन्दी की प्रकृति में मनमाना हस्तक्षेप करके संवैधानिक अपराध कर रहें हैं। कार्यक्रम के अंतर्गत निबंध लेखन प्रतियोगिता एवं भाषण कौशल प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। कार्यक्रम का संचालन भारतीय भाषा विभाग के शोधार्थी सीमा व सुमित कुमार हलधर ने किया। कार्यक्रम में प्रो. रविकान्त (अधिष्ठाता, शिक्षा पीठ सह अध्यक्ष, शिक्षक शिक्षा विभाग, सीयूएसबी), डॉ. कर्मानन्द आर्य और डॉ. कफील अहमद नसीम माैजूद रहें। इस कार्यक्रम को आयोजित करने में भारतीय भाषा विभाग के विद्यार्थियों में निखिल, शिवम, आफताब, आनंद, अभिमन्यु, विकाश, निशांत, राहुल, संदीप सौरव, अंकिता कुमारी, रूपा कुमारी, प्रिया कुमारी, कसक, आनंदिता, ऋचा आदि ने अपनी-अपनी अहम भूमिका निभाई।
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