आईआईएम बोधगया में स्मृति ईरानी ने ली क्लास, छात्रों से साझा किए अनुभव
आईआईएम बोधगया में स्मृति ईरानी ने ली क्लास, छात्रों से साझा किए अनुभवआईआईएम बोधगया में स्मृति ईरानी ने ली क्लास, छात्रों से साझा किए अनुभव
आएआईएम बोधगया पहुंचकर पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी छात्रों की क्लास ली और अपने अनुभव साझा किया। बोधगया आईआईएम में नर्चरिंग फ्यूचर लीडरशिप प्रोग्राम में शामिल होकर स्मृति ईरानी ने छात्र- छात्राओं का हौसला बढ़ाया। छात्रों से उन्होंने कहा कि विकसित भारत के सबसे बड़े लाभार्थी आप ही होंगे और इसे साकार करने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी आपके कंधों पर है। चर्चा के दौरान कहा कि युवाओं में ऊर्जा, उत्साह, और नवीनता है, जो उन्हें दिन-रात मेहनत करने के लिए प्रेरित करती है। आप देश की आकांक्षाओं और सपनों के सच्चे प्रतिनिधि हैं। आईआईएम बोधगया में मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम के तत्वावधान में 11 से 15 नवंबर तक महिला शैक्षणिक प्रतिनिधियों के लिए 5 दिवसीय आवासीय नर्चरिंग फ्यूचर लीडरशिप प्रोग्राम का आयोजन किया गया था, जो शुक्रवार को संपन्न हो गया। शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम का उद्देश्य उच्च शिक्षण संस्थानों में नेतृत्व विकास को बढ़ावा देना था। कार्यक्रम के माध्यम से विभिन्न विषयों के प्रतिष्ठित संकाय सदस्य एक साथ आये एवं भविष्य के नेताओं को तैयार करने के महत्वपूर्ण पहलुओं पर विचार किया।
देश के 20 शिक्षण संस्थानों ने लिया हिस्सा
कार्यक्रम में लगभग 20 केंद्रीय व राज्य विश्वविद्यालयों के साथ आईआईएम, आईआईटी और एनआईटी जैसे आईआईटी पटना, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और दिल्ली विश्वविद्यालय के 33 वरिष्ठ संकाय प्रतिनिधियों ने भाग लिया। आईआईएम बोधगया की निदेशक प्रो. विनीता एस सहाय ने इस अवसर पर उच्च शिक्षा में 'सखी-वाद' के महत्व पर प्रकाश डाला। प्रतिभागियों ने आईआईएम-अहमदाबाद की पूर्व निदेशक और फ्लेम यूनिवर्सिटी की संस्थापक सदस्य प्रोफेसर इंदिरा पारिख, इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव और आईआईटी-दिल्ली की प्रोफेसर सीमा शर्मा, से शैक्षणिक क्षेत्र में महिला नेताओं के सामने आने वाली चुनौतियों और नेतृत्व के विकास पर चर्चा की।
नेशनल इकोनॉमिक पॉलिसी 2020 पर दिया जोर
नेशनल इकोनॉमिक पॉलिसी 2020 ने शिक्षकों के बीच क्षमता निर्माण के महत्व पर जोर दिया । एनएफएलपी का लक्ष्य संकाय सदस्यों, विशेषकर महिलाओं को उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रभावी नेतृत्व के लिए आवश्यक तकनीकी, प्रबंधकीय और पारस्परिक कौशल से लैस करना है। कार्यक्रम का उद्देश्य भारतीय उच्च शिक्षा में अधिक संतुलित और विविध नेतृत्व परिदृश्य बनाना है। इस पहल के माध्यम से, शिक्षा मंत्रालय और आईआईएम बोधगया महिला नेताओं की एक नई पीढ़ी को प्रेरित करते हैं, जिससे वे अकादमिक दुनिया में बदलाव और नवाचार लाने में सक्षम हो जाती हैं।
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