दूसरे के घरों में काम करके बच्चों की परवरिश कर रही सीता
दूसरे के घरों में काम करके बच्चों की परवरिश कर रही सीता दूसरे के घरों में काम करके बच्चों की परवरिश कर रही...
गुरारू। एक संवाददाता: कोरोना महामारी में जंहा लोग घरों से नहीं निकल रहे हैं। वहीं गुरारू बाजार की रहने वाली एक मां की कहानी जो अपने बच्चों को पालने के लिए दुसरे के घरों में जाकर बरतन मांज कर दो वक्त की रोटी की जुगाड़ कर रही हैं। गुरारू बाजार के एक किराये के मकान में रहने वाली 40 वर्षीया सीता देवी को तीन बच्चे हैं। घर में उसके अलावा कमाने वाला कोई नहीं है। पति भी घर चलाने के लिए खर्चा नहीं देता है। वह दुसरों के घरों में झाड़ू पोंछा कर अपने बच्चे का पेट पाल रही है। इस कोरोना महामारी में लोग घरों से निकलने पर भी परहेज कर रहे हैं। लेकिन सीता देवी हर दिन दुसरे के घरों में जाकर झाड़ू पोंछा बतन मांजती है। ताकि उसके बच्चे का भोजन सही से मिले। इस संबंध में सीता देवी बताती हैं कि वह बरमा गांव की रहने वाली है। उसकी तीन बेटियां हैं। बड़ी बेटी चौदह साल की है। पति खर्चा नहीं देता था।
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