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जैन मुनि के आने से विद्यालय पठन-पाठन कार्य हुई बाधित

जैन मुनि के आने से विद्यालय पठन-पाठन कार्य हुई बाधित परैया ।एक संवाददाता प्रखंड...

Newswrap हिन्दुस्तान, गयाMon, 15 March 2021 08:50 PM
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जैन मुनि के आने से विद्यालय पठन-पाठन कार्य हुई बाधित

परैया ।एक संवाददाता

प्रखंड के मुख्य बाजार में सोमवार सुबह जैन आचार्य विद्यासागर जी के परम शिष्य मुन्नी श्री प्रणाम सागर का आगमन हुआ। जैन मुन्नी के साथ सैकड़ों श्रद्धालुओं का जत्था भी मुख्य बाजार पहुंचा। जहां पर्षद मध्य विद्यालय परिसर में उनका ठहराव हुआ। जैन मुन्नी के आगमन से पर्षद मध्य विद्यालय परिसर उत्सव के समान सज गया। जहां कई तरह के स्टाल लगाए गए। विद्यालय परिसर में लगे स्टाल में जैन साहित्य, हैंडलूम वस्त्र सहित अन्य सामग्रियों को विक्रय हेतु सजाया गया।

स्थानीय ग्रामीणों के बीच प्रसाद का वितरण भी हुआ। एक जैन अनुयायी ने बताया कि कटनी में चतुर्मास होने के बाद वहां से चलकर 650 किलोमीटर की दूरी तय कर जैन मुन्नी परैया पहुंचे है। जहां से संध्या में गया को प्रस्थान करेंगे। मंगल बिहार गुरुचरण गुणायतन संत शिखर को निकले जैन मुन्नी के साथ 150 से अधिक श्रद्धालुओं का जत्था है। वहीं जैन मुन्नी के दर्शन को गया से भी सैकड़ों श्रद्धालु परैया पहुंचे। सोमवार को खुले हुए विद्यालय परिसर में जैन मुन्नी व श्रद्धालुओं के अचानक आगमन से पठन पाठन बाधित हुआ। विद्यालय में जैन मुन्नी के ठहराव व लगे मेला को लेकर स्थानीय ग्रामीण असमंजस में रहे। सरकारी संस्थान के परिसर में अचानक हुए इस कार्यक्रम को लेकर अभिभावकों में संशय बना हुआ है। ऐसे में इस कार्यक्रम की पूर्व सूचना से बीईओ योगेंद्र प्रसाद मंडल ने अनभिज्ञता जाहिर की। बिना सूचना के कोरोना काल में जहां विद्यालय में सुरक्षा मानकों का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। ऐसे में किसके अनुमति से इस कार्यक्रम का आयोजन सरकारी विद्यालय परिसर में हुआ इसका जवाब किसी को नहीं पता है। जबकि बीआरसी परिसर में ही बीईओ निबंध प्रतियोगिता में शामिल हुए।

देशबंधु राजनारायण की जयंती मनाई गई

बेलागंज(ए॰स॰)। देश के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रहे देशबन्धु स्वर्गीय राजनारायण की जयंती नेयामतपुर आश्रम में सोमवार को मनाई गई। कार्यक्रम की शुरूआत उनके चित्र माल्यार्पण कर की गई। जंयती पर आश्रम समिति के संयोजक रविशंकर कुमार ने कहा कि राजनारायण क्रांतिकारी स्वतंत्रता के जीवंत उदाहरण के साथ साथ किसान मजदूर एकता के प्रतिमूर्ति भी थे। उन्होंने गाँधी, लोहिया, जयप्रकाश नारायण के साथ मिलकर अंग्रेजी हुकूमत के भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी। इन्हें अंग्रेजों के द्वारा बार बार जेल भेज दिया जाता था। बार-बार जेल भेजने पर इन्होंने नारा दिया एक पैर रेल में, एक पैर जेल में। जमींदार घर में जन्मे राजनारायण ने अपनी कई एकड़ जमीन गरीबों को दान कर दिया था। वर्ष-1977 के लोकसभा चुनाव इंदिरा गांधी को पराजित करने के बाद राजनारायण काफी चर्चित रहे। जमींदार घराने से होने के बावजूद अति साधारण जीवन जीने और किसान मजदूरों के लिए संघर्षरत रहने के कारण इन्हें भारतीय राजनीति के कबीर का दर्जा दिया गया है।जयंती पर जदयू प्रखंड अध्यक्ष संजय कुमार,ई० उत्तम शर्मा, कुणाल शर्मा, मोहित त्रिपाठी, कुणाल कुमार, विकास कुमार, समोज कुमार आदि उपस्थित थे।

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