Hindi NewsBihar NewsGaya NewsSchool Classes Shifted for 8 Years Due to Tragic Accident in Barachatti

आठ साल से दूसरे स्कूल में चल रहीं मिडिल स्कूल पड़ेया की कक्षाएं

नोट- सूधार कर द्धारा प्रेषित फोटो न्यूज बाराचट्टी, एक संवाददाता।

Newswrap हिन्दुस्तान, गयाThu, 9 Jan 2025 06:26 PM
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बाराचट्टी प्रखंड के मिडिल स्कूल  पड़ेया की कक्षाएं आठ साल से मिडिल स्कूल गजरागढ़ में चल रही हैं। आठ साल पहले पड़ेया स्कूल को उग्र लोगों द्वारा फूंक दिया गया था, जिसके बाद प्रशासन की ओर से इसे गजरागढ़ स्कूल में चलाने का निर्णय लिया गया था। तब से अभी तक गजरागढ़ स्कूल में ही विद्यालय संचालित किया जा रहा है। बाराचट्टी प्रखंड मुख्यालय से लगभग दो किलोमीटर की दूरी पर पड़ेंया गांव में सन 1990 के दशक में विद्यालय की स्थापना की गई थी। साल 2003 में गांव के प्राथमिक विद्यालय को अपडेट कर मिडिल स्कूल का दर्जा दिया गया था। विद्यालय परिसर में घुसा था ट्रक, चार बच्चों की हुई थी मौत

साल 2017 में बाराचट्टी मोहनपुर सड़क से महज दस मीटर की दूरी पर स्थित स्कूल परिसर के पेड़ के नीचे पढ़ रहे बच्चों पर अनियंत्रित पत्थर लदा ट्रक पलट गया था। ट्रक के पलटने से बाहर पढ़ रहे चार छात्रों की मौके पर मौत हो गई थी ,जबकि कई घायल हो गए थे। घटना में मारे गए सारे बच्चे पड़ेया और कोहवरी गांव के थे। घटना के बाद ग्रामीणों ने बताया था कि मुख्य सड़क से महज दस मीटर की दूरी पर विद्यालय था। दो कमरे में स्कूल को पिछले कई सालों से चलाया जा रहा था। इनमें से एक कमरे में कार्यालय एवं  सामान रखे जाते थे जबकि दूसरे कमरे में बरामदे और बाहर पेड़ की छांव में पढ़ाई का कार्य किया जाता था। कई बार अधिकारियों से विद्यालय परिसर में बाउंड्री करने की मांग की गई थी लेकिन इस दिशा में कोई भी काम नहीं किया गया। अगर परिसर में बाउंड्री रहता तो शायद खतरा टल सकता था।

उपद्रवियों ने विद्यालय में लगा दी थी आग

पड़ेया विद्यालय परिसर में ट्रक पलटने और दबकर चार बच्चों की मौत की खबर मिलने के बाद बड़ी संख्या में ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंच गए थे। मृत बच्चों को देख लोगों का गुस्सा चरम पर था। घटना के बाद गुस्साए लोगों के साथ कुछ उपद्रवी तत्वों ने विद्यालय में आग लगा दिया और सारे सामान को फूंक दिया। विद्यालय में आग लगाने के बाद बाराचट्टी मोहनपुर मुख्य सड़क को जाम कर दिया गया और कुछ वाहनों को क्षतिग्रस्त भी कर दिया गया था। मामले की सूचना मिलने के बाद पुलिस प्रशासन महकमा फायर ब्रिगेड की गाड़ी लेकर आग बुझाने के लिए पहुंचा। आम लोगों का गुस्सा देखकर पुलिस प्रशासन के कदम भी ठिठक गए थे। मौके की नजाकत को भांपते हुए बाराचट्टी कैंप से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों को बुलाया गया। सुरक्षा बलों के मोर्चा संभालने के बाद माहौल सामान्य हो पाया था।

दो से तीन किलोमीटर दूरी तय कर आना पड़ता है गजरागढ़  स्कूल

पड़ेया स्कूल के छात्रों को दो से तीन किलोमीटर की दूरी तय कर गजरागढ़ विद्यालय आना पड़ रहा है। यह सिलसिला पिछले आठ सालों से लगातार जारी है। मिडिल स्कूल पड़ेया में पड़ेया गांव के अलावा प्रतापी कोहवरी  आदि गांव के छात्र पढ़ाई के लिए आते हैं। संबंधित गांव में मिडिल स्कूल ना रहने के कारण अभिभावक अपने बच्चों को आठवीं तक की पढ़ाई के लिए पड़ेया स्कूल में भेजते हैं। ज्यादा दूरी होने के कारण कोहवरी गांव से बच्चों का आना कम हो गया है। पूरी तरह महादलित बाहुल्य गांव के बच्चे अब आस पड़ोस के निजी स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं ।वहीं गरीब अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज पा रहे हैं। गजरागढ़ विद्यालय आने में छात्रों को सबसे ज्यादा परेशानी वर्षा और ग्रीष्म ऋतु के दिनों में होती है। इस कारण विद्यालय में छात्रों की औसत उपस्थिति भी प्रभावित हुई है।

विद्यालय में नामांकित है 335 छात्र

मिडिल स्कूल पड़ेया में कक्षा एक से आठ तक कुल 335 छात्र नामांकित है। जब से मिडिल स्कूल पड़ेया का पठन-पाठन कार्य गजरागढ़ स्कूल में संचालित हो रहा है छात्रों की उपस्थिति भी प्रभावित हो रही है। विद्यालय को शिक्षा महकमे की ओर से दूसरे विद्यालय में शिफ्ट करने के बाद चार कमरे में पढ़ाई-लिखाई का कार्य किया जा रहा है। वहीं, गजरागढ़ विद्यालय की पढ़ाई मात्र पांच कमरे में हो रही है।

पड़ेया गांव में भूमि उपलब्ध होने के बाद भी नहीं हो रहा भवन निर्माण

बाराचट्टी के पड़ेया गांव में भूमि उपलब्ध रहने के बाद भी स्कूल का निर्माण नहीं किया जा रहा है। साल 2017 में हुई घटना के बाद तब के तत्कालीन अंचल अधिकारी रविशंकर प्रसाद ने गांव में स्कूल के लिए भूमि उपलब्ध कराने की सूचना जिला प्रशासन को दी थी। भूमि उपलब्ध होने के बाद शिक्षा महकमे को संबंधित भवन निर्माण की दिशा में आवश्यक कार्रवाई का आदेश दिया गया था। छह साल से ऊपर गुजर जाने के बाद भी अब तक इस दिशा में कोई भी पहल शुरू नहीं हो पाई है। जिस कारण गांव के लोगों में भारी नाराजगी है। स्कूल निर्माण को लेकर ग्रामीणों की ओर से कई दफा जिला अधिकारी के पास भी शिकायत पहुंचाई गई। मगर किन कारणों से  यह पहल आगे नहीं बढ़ पा रही है ।एक यक्ष प्रश्न बना है। ग्रामीण गौरी यादव, पंकज यादव ,आदि ने जिला प्रशासन से मांग किया है कि जनहित में पड़ेया गांव में विद्यालय  भवन का निर्माण अबिलंब कराया जाए ताकि छात्रों को हो रही परेशानियों से निजात मिल सके।

कोट

मिडिल स्कूल पड़ेया के भवन निर्माण को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों से जानकारी ली जाएगी। इस दिशा में त्वरित पहला हो इसके लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा, ताकि छात्रों को हो रही परेशानी से निजात दिलाई जा सके।

-अभिषेक कुमार आशीष, बीडीओ, बाराचट्टी

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