मानपुर गुड्स प्वाइंट से आंध्र प्रदेश भेजा गया 8 रेक में 24 हजार टन धान
एक पखबारा से मानपुर गुड्स प्वाइंट से धान भेजने की प्रक्रिया है तेज, लोडिंग जारी
गया के मानपुर स्टेशन गुड्स रेक प्वाइंट से मालगाड़ियों में भरकर दूसरे प्रदेशों में धान भेजा जा रहा है। करीब 20 दिनों के अंदर 8 रेक धान आंध्र प्रदेश के सामलकोट और यूपी के गाजियाबाद धान की खेप भेजी गयी है। रेक प्वाइंट पर धान का स्टॉक लगा हुआ है। रेक उपलब्ध होते ही धान की लोडिंग की जाएगी। अभी तक करीब 24 हजार टन धान की खेप भेजी गयी है। इसमें तीन हजार टन गाजियाबाद ले जाया गया है। रेल सूत्रों ने बताया कि आठ रेक भेजे गए धान का भाड़े के रूप में रेलवे को करीब 4 करोड़ रुपये से ज्यादा राशि राजस्व के रूप में प्राप्त हुई है। व्यापारियों के सिंडिकेट के माध्यम से गया जिले सहित मगध प्रमंडल के जहानाबाद, औरंगाबाद, नवादा व अरवल जिला क्षेत्र से ट्रकों में लोड कर गुड्स रेक प्वाइंट पर लाकर धान को स्टॉक किया जाता है। फिर उसे मालगाड़ी के वैगनों में भरकर दूसरे प्रदेश को भेजा जा रहा है। आंध्र प्रदेश के सामलकोट में मगध क्षेत्र के धान की डिमांड होने से ज्यादत्तर वहीं धान की खेप भेजी जा रही है।
सरकारी स्तर पर 43 दिनों में 66 हजार 717 टन हुई धान की खरीद
खरीफ़ विपणन मौसम वर्ष 2024-25 के लिए सरकारी स्तर पर किसानों से धान खरीद की प्रक्रिया गया जिले में 15 नवंबर से शुरू की गई है। अभीतक 43 दिनों में जिले के 9692 किसानों से करीब 66 हजार 717 टन धान की खरीद हुई है। जिले में धान खरीद के लिए 294 पैक्स और 18 व्यापार मंडल क्रियाशील है। धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय कर दिया गया है। साधारण धान का समर्थन मूल्य 2300 रुपये प्रति क्विंटल खरीद की जा रही है। भारत सरकार ने धान की नमी की अधिकतम मात्रा 17 प्रतिशत तय की है।
बिहार में किसानों को उनके धान के मूल्य का भुगतान 48 घंटे में करने की व्यवस्था की गई है।रैयती किसान अधिकतम 250 क्विंटल और गैर रैयती किसान अधिकतम 100 क्विंटल धान बेच सकते हैं। एसएफसी के जिला प्रबन्धक राजीव कुमार सिंह ने बताया कि धान खरीद और उससे तैयार चावल की गुणवत्ता पर डीएम डॉ त्यागराजन एसएम खुद गम्भीर हैं तथा लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। खरीद किये गए धान में से करीब 9 हजार 339 टन धान राइस मिलरों को दिया गया है। इससे तैयार होने वाले सीएमार चावल को एसएफसी गोदामो में रखा जा रहा है। अभी तक करीब 6 हजार 728 टन चावल जमा लिया गया है। हर हाल में गुणवत्तापूर्ण चावल ही एसएफसी के गोदामो में जमा लिया जा रहा है।
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