पुरनका साल के जब हम कर देली विदाई..
शहर के आजाद पार्क में जिला हिन्दी साहित्य सम्मेलन भवन में काव्य संध्या 541 का आयोजन किया गया। कवियों ने नए साल पर रचनाएं प्रस्तुत कीं। कार्यक्रम में विभिन्न कवियों ने अपनी कृतियों के माध्यम से नए साल...
शहर के आजाद पार्क स्थित जिला हिन्दी साहित्य सम्मेलन भवन में काव्य संध्या 541 का आयोजन किया गया। आंग्ल नववर्ष की इस प्रथम शनिवारीय प्रस्तुति में कवियों ने विशेषकर नया साल पर अपनी रचना पेश की। कार्यक्रम की शुरुआत में मु्द्रिरका सिंह ने सुनाया-पुरनका साल के जब हम कर देली विदाई। शंकर प्रसाद ने अपनी कविता में चना की महिमा सुनायी। डॉ.राम परिखा सिंह ने सुनाया-आज मनमा हइ उदास हो भईया। गजेन्द्र लाल अधीर ने स्वागत है नववर्ष तुम्हारा...कविता सुनाई। उदय सिंह ने कहा-नया साल आया खुशियां मनाओ। मैं गांव बोल रहा हूं कविता धर्मेंद्र शर्मा ने सुनाया। डॉ.राकेश कुमार सिन्हा'रवि' ने सुनाया -कब कहां कइसे कुछ हो जाए नऽ हे कोई भरोसा, हिंआ आवे जाए के नंबर लगल हे हरमेसा...। नन्द किशोर सिंह ने प्रेम प्रसंग विषय पर अपनी कविता प्रस्तुत किया। खालिक हुसैन परदेसी ने गजल प्रस्तुत की-ये नया साल कोई ज़ख्म नया ही देगा...। नरेंद्र कुमार ने नववर्ष पर भोजपुरी कविता सुनाया। मिथिलेश मिश्र दर्द ने कविता करजा कइसे मिलतो...में बैंक से मिलने वाले लोन की व्यथा कथा सुनाई। सभापति सुरेंद्र सिंह सुरेंद्र ने कहा-सूरज की नई किरणों की भांति हर घर में उजियारा रहे।महामंत्री सुमंत ने सुनाया-पचीस आएल चौबीस के दे देली विदाई,नया साल पर भाई बहिन सबके हे बधाई। काव्य संध्या की अध्यक्षता सुरेंद्र सिंह सुरेंद्र व संचालन डॉ.राकेश कुमार सिन्हा 'रवि' ने किया। इस मौके पर शैलेश ज्ञानी,सुनील कुमार सिंह,बिनोद बरबिगहिआ,संतोष कुमार क्रांति व अमित कुमार आदि मौजूद रहे। धन्यवाद ज्ञापन महामंत्री सुमंत ने किया।
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