गया जंक्शन: रेल दुर्घटना में त्वरित राहत और बचाव कार्य का किया उत्कृष्ट प्रदर्शन
गया जंक्शन के मर्शलिंग यार्ड में गुरुवार को एक मॉक ड्रिल आयोजित की गई। इस ड्रिल का उद्देश्य राहत और बचाव कार्य के लिए विभिन्न विभागों के बीच समन्वय स्थापित करना था। मॉक ड्रिल में एनडीआरएफ और रेलवे की...

गया जंक्शन के मर्शलिंग यार्ड मालगोदाम परिसर में गुरुवार को तपती धूप में राहत और बचाव कार्य के लिए कुशल समन्वय स्थापित कर मौके ड्रिल की गई। इस दौरान परिकल्पना के तहत सूचना दी गई कि गया जंक्शन के पास ग्रैंडकार्ड-2 रेल सेक्शन में गाड़ी संख्या 13554 डाउन का एक यात्री कोच 10:33 बजे किलोमीटर संख्या 471-16 पर दुर्घटनाग्रस्त होकर पटरी से उतर गयी और इसमें यात्री जख्मी हो गए। स्टेशन अधीक्षक ने 10:34 बजे संबंधित अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। इसके बाद राहत व चिकित्सकीय सहायता तुरंत सक्रिय की गयी। इसी दौरान गया जंक्शन पर तीन लंबे शायरन बजे। शायरन बजते ही रेल कर्मियों व रेल यात्रियों में अफरा-तफरी की स्थिति बन गई।
इसी बीच सूचना मिली कि मर्शलिंग यार्ड रेल लाइन में एक पैसेंजर ट्रेन की एक बोगी के पटरी से उतरने की खबर राहत बचाव टीम को मिली। इसके बाद महज 15 मिनट में चिलचिलाती धूप में ही टीम घटना स्थल पर पहुंच गई। टीम ने वहां पहुंचते ही राहत बचाव का अपना अभ्यास शुरू कर दिया। इसके बाद जंक्शन पर लोगों को बताया गया कि मॉक ड्रिल की जा रही थी। तब जाकर लोगो ने राहत की सांस ली। एनडीआरएफ और रेलवे की रही संयुक्त भागीदारी रेल सूत्रों ने बताया कि ट्रेन की बोगी के पटरी से उतरते की सूचना रेलवे ने तत्काल कंट्रोल रूम को भी दी। इसके बाद रेलवे की आपदा प्रबंधन टीम भी रेलवे स्टेशन यार्ड के लिए रवाना हुई। इसके साथ ही एनडीआरएफ की टीम जो घटना के वक्त गया में ही मौजूद थी। उन्हें भी मौके पर तैनात किया गया। मॉक ड्रिल में घायल यात्रियों को दुर्घटना स्थल के नजदीक स्थापित मेडिकल पोस्ट में प्राथमिक चिकित्सा उपचार देने का भी अभ्यास किया गया। इस रेल दुर्घटना के बाद राहत और बचाव मॉक ड्रिल में एनडीआरएफ, रेलवे के सभी प्रमुख विभागो में संरक्षा, सुरक्षा, परिचालन, यांत्रिक, सिविल व विद्युत इंजीनियरिंग, वाणिज्य, सिग्नल एवं दूरसंचार, चिकित्सा आदि की सक्रिय भागीदारी रही। इसके अतिरिक्त, जिला प्रशासन और अन्य संबद्ध एजेंसियों ने भी अभ्यास में सहयोग दिया। राहत-बचाव कार्य के दौरान समन्वय स्थापित करना ट्रेन दुर्घटना पर आधारित इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य भारत सरकार व राज्य सरकार के तहत कार्यरत विभिन्न विभागों के बीच राहत व बचाव कार्य के दौरान कुशल समन्वय स्थापित करना है। रेल दुर्घटना की घटना के तत्काल बाद रेलवे कंट्रोल रूम और एनडीआरएफ को सूचित किया जाता है और उनको राहत व बचाव कार्य के लिए बुलाया जाता है। बचाव टीम प्रथम चिकित्सा उपचारक, अत्याधुनिक उपकरणों के साथ दुर्घटना स्थल पर पहुंचती है और राहत एवं बचाव कार्य में जुट जाती है। मॉकड्रिल का संचालन डीडीयू मंडल के संरक्षा विभाग द्वारा किया गया। इस अभ्यास का उद्देश्य रेल दुर्घटना जैसी आकस्मिक परिस्थितियों में विभिन्न विभागों और एजेंसियों के बीच समन्वय, त्वरित प्रतिक्रिया और संसाधनों के कुशल प्रबंधन की वास्तविक परख करना था। इस अवसर पर डीडीयू रेल मंडल के एडीआरएम दिलीप कुमार, सहायक सुरक्षा आयुक्त गया हरमंगत सिंह, सुरक्षा सलाहकार ओमप्रकाश मानव, ट्रैफिक इंस्पेक्टर प्रमोद कुमार,सीनियर डीएसओ संतोष कुमार, सीडीओ सुशांत कुमार,डीएसटी शेखर जायसवाल,एनडीआरएफ कमांडेंट एसएन मिश्रा सहित विभिन्न ब्रांच के अधिकारी व कर्मी भी मौजूद रहे।
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