श्री कृष्णा का जीवन हर परिस्थिति में धर्म का पालन करने का देता है संदेश
मां तारा नगरी केसपा में लक्ष्मी नारायण महायज्ञ में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। भक्तों ने मां तारा देवी की पूजा की और भगवान श्री कृष्ण की जन्म कथा का नाट्य रूपांतरण देखा। आयोजन में क्षेत्रीय नेता और...

मां तारा नगरी केसपा में लक्ष्मी नारायण महायज्ञ में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। मां तारा देवी की पूजा के लिए भी मंदिर परिसर में भक्तों की लम्बी कतारें लगी। स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज श्री कृष्ण जन्म गाथा कथा सुनाई गई। कंस के अत्याचारों से सभी नर - नारी त्रस्त थे। कंस ने अपनी बहन का विवाह अपने मित्र वासुदेव से कराया। देवकी और वासुदेव को कंस उनके राज्य लेकर जा रहा था तभी एक आकाशवाणी हुई कि जिस बहन को तू उसके ससुराल छोड़ने जा रहा है, उसके गर्भ से पैदा होने वाली आठवीं संतान तेरी मौत का कारण बनेगी। कंस ने उन दोनों को कारावास में डाल दिया, लेकिन कंस के लाखों पहरे के बावजूद देवकी के आठवें संतान के रूप में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ। भगवान के जन्म लेने के साथ कारागृह के दरवाजे खुल गए और पहरेदार गहरी निद्रा में सो गए। वासुदेव ने उन्हें टोकरी में रहकर आधी रात को अपने मित्र गोकुल में नंद बाबा के पास पहुंचा दिया। श्री कृष्ण ने बाल्यकाल से ही कंस के हर प्रहार को विफल कर दिया।
भगवान की जन्म गाथा का नाट्य रूपांतरण किया गया। भगवान अपने भक्तों की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। यज्ञ में क्षेत्रीय विधायक डॉ अनिल कुमार, लोजपा नेता कमलेश शर्मा, भाजपा नेता सह अधिवक्ता मुकेश शर्मा यज्ञ में शामिल हुए। यज्ञ को सफल बनाने के लिए आयोजन समिति के अध्यक्ष कामता शर्मा, कोषाध्यक्ष राजीव शर्मा, हिमांशु शेखर, अमिताभ कुमार, प्रमोद कुमार, मुन्ना शर्मा, विक्रम कुमार, सुमन कुमार, गौरव कुमार, रणविजय शर्मा आदि लगे हैं।
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