पुनर्वास के बगैर नहीं हो दलितों को उजाड़ने की कार्रवाई:भाकपा-माले
शेरघाटी के नई बाजार में दलित टोले के लोगों को हटाने की नोटिसें दी गई हैं। भाकपा माले ने बैठक की और कहा कि सरकार पहले भूमिहीनों को जमीन और मकान दे। बिना वैकल्पिक व्यवस्था के हटाना उचित नहीं है। पार्टी...
शेरघाटी के नई बाजार में तालाब पर दलित टोले में वर्षों से बसे लोगों को हटाने के लिए स्थानीय अंचल कार्यालय से दी गई नोटिसों के बाद भाकपा माले की एक टीम ने दलित टोले में पहुंच कर स्थानीय लोगों के साथ बैठक की है। भाकपा माले के नेताओं का कहना है कि सौ वर्षों से यहां सरकारी जमीन पर बसे दलित परिवारों को बगैर किसी वैकल्पिक व्यवस्था के हटाना-उजाड़ना उचित नहीं है। तमाम लोग भूमिहीन हैं। सरकार अपने वादे के अनुसार पहले भूमिहीन परिवारों को पांच डिस्मिल जमीन और पक्का मकान दे, उसके बाद ही उन्हें अतिक्रमण के नाम पर उजाड़ा जाए। पार्टी नेताओं ने कहा कि जोर जबर्दस्ती के मामले में पार्टी तमाम लोगों के साथ घेरा डालो-डेरा डालो अभियान चलाएगी। इसके लिए पीड़ित परिवारों को गोलबंद किया जा रहा है। भाकपा माले की जांच टीम में रामलखन प्रसाद के अलावा सीताराम मांझी, अवधेश मांझी, कैली देवी और कोसमी देवी आदि मौजूद थीं।
बता दें कि शेरघाटी की अंचलाधिकारी उषा कुमारी के हस्ताक्षर से तमाम लोगों को अतिक्रमण वाद के तहत नोटिसें दी गई हैं और उन्हें सप्ताह भर के भीतर कब्जा छोड़ने को कहा गया है। अंचल कार्यालय की इस नोटिस से दलित नागरिकों के बीच शासन की कार्रवाई को लेकर डर बना हुआ है।
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