दूसरे प्रदेश की बजाय स्थानीय चिकन को पसंद कर रहे लोग
इमामगंज में स्थानीय फार्म के मुर्गे की मांग बढ़ गई है। पहले बंगाल और झारखंड के मुर्गे बिकते थे, लेकिन अब स्थानीय मुर्गे की कीमत 130 रुपए किलो हो गई है। पिछले साल की तुलना में कीमत में 20 रुपए की...
इमामगंज में अब लोग स्थानीय फार्म का मुर्गा खाना अधिक पसंद कर रहे हैं। पहले यहां बंगाल और झारखंड के मुर्गा का बोलबाला था। इस बार ठंड आने से पहले ही मुर्गे की कीमत में तेजी आ चुकी हैं। पिछले साल की तुलना में इस वर्ष किलो पर बीस रुपए की वृद्धि हुई हैं। वंशी मोड़ पर मुर्गा फार्म चालने वाला थोक विक्रेता अभिमन्यु कुमार ने बताया कि पहले बंगाल, झारखंड राज्य से मुर्गा गाड़ी से आया करता था। जिसका साइज बड़ा रहने के कारण मिट अच्छा नहीं होता था। पिछले कुछ सालों में प्रखंड में करीब पांच दर्जन से अधिक बड़े-बड़े फॉर्म खोले गए हैं। जिसमें हर दिन हजारों मुर्गा बिक रहे हैं। पहले जहां 110 रुपए किलो खुदरा बिक रहा था। वहीं बढ़ कर 130 रुपए किलो हो चुकी हैं। अब यहां के फॉर्म का मुर्गा दूसरे स्थान पर भी व्यापारी बेचने के लिए हर दिन ले जा रहे हैं। वे बताते हैं कि मुर्गे के दाना का कीमत में बढ़ोतरी हुई है। जिससे मुर्गे के कीमत में भी वृद्धि हो रही हैं। ठंड और शादी विवाह का लगन बढ़ने के बाद और वृद्धि होगी।
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