एमयू के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में पढ़े गए 260 पत्र
विद्वानों ने विभिन्न विषयों पर रखा अपना-अपना विचार बोधगया। निज प्रतिनिधि। महाबोधि कन्वेंशन
महाबोधि कन्वेंशन सेंटर में मगध यूनिवर्सिटी के मानविकी विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय भाषा पारिस्थितिकी व साहित्य विषय पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन शुक्रवार को विभिन्न विषयों पर विद्वानों ने अपना-अपना विचार रखा। साथ ही ऑनलाइन मोड में अंग्रेजी में चार, हिंदी में तीन व अन्य विषयों में एक-एक सत्र संचालित हुआ। दोनों टेक्निकल सत्रों में कुल मिलाकर 260 पत्र पत्र पढ़ा गया। दिल्ली यूनिवर्सिटी में उर्दू विभाग के प्रो. डॉ सैयद अली करीम ने इको क्रिटिसिजम इन उर्दू इनसेप्शन एंड डेवलपमेंट विषय पर चर्चा किया। चीन के डॉ. विवेक मणि त्रिपाठी ने ''संस्कृत भाषा का चीनी संस्कृति पर प्रभाव'' तथा इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के डॉ. शशिकांत पांडे ने ''ओरिजन एंड डेवलपमेंट ऑफ लैंग्वेज इकोलॉजी'' विषय पर अपने विचार रखे। सत्र की अध्यक्षता जीबीएम कॉलेज गया की अंग्रेजी विभाग की रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ उषा राय ने की। महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी बिहार के अंग्रेजी विभाग के अध्यक्ष डॉ विमलेश कुमार सिंह ने अपना वक्तव्य ऑनलाइन दिया। शांति निकेतन के डॉ आर्मदन कुमार त्रिपाठी ने ''लिंग्विस्टिक इकोलॉजी और डिजिटल लैंडस्केप'' विषय पर अपनी बात रखी। सुबह में ऑफलाइन मोड में अंग्रेजी में पांच, हिंदी में चार तथा उर्दू पर्शियन पाली संस्कृत और दर्शन शास्त्र में एक-एक सत्र का संचलन हुआ।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।