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जिले के नेत्रहीन लोगों को अभी भी है नेत्रदान का इंतजार

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Newswrap हिन्दुस्तान, गयाSun, 29 Dec 2024 06:28 PM
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जिले के नेत्रहीन लोगों को आज भी नेत्रदान करने वाले मसीहा का इंतजार है, जिसके नेत्रदान से वह दुनिया देख पाएंगे। शहर के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 26 नवंबर 2019 में आई बैंक का शुभारंभ हुआ। इसके शुभारंभ होने से ना सिर्फ गया जिले के बल्कि मगध प्रमंडल के वैसे लोग जो देख नहीं सकते उन्हें उम्मीद जगी थी कि शायद किसी के दिए आंख से वह देख सके, लेकिन आज पांच साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी इस आई बैंक में एक भी नेत्रदान नहीं हो पाया है। हलांकि अब तक 82 लोगों ने नेत्रदान के लिए यहां रजिस्ट्रेशन कराए हैं। इसमें उनकी मौत के बाद नेत्रदान करने की बात कही गयी है।

लोगों में जानकारी का है अभाव

अस्पताल प्रशासन द्वारा संबंध में व्यापक प्रचार प्रसार नहीं होने के कारण लोगों को इसके बारे में जानकारी का अभाव है, जिसके कारण भी अब तक एक भी नेत्र दान नहीं हो पाया है। इसके लिए चिकित्सक, परिचारिका और ओटी सहायक का प्रशिक्षण आईजीआईएमएस में दिया गया था। आई बैंक के लिए एक निदेशक एवं नोडल पदाधिकारी के अलावा ब्रेन डेथ कमेटी को गठन भी हो गया था और 12 डॉक्टरों की टीम लोगों की सेवा में कार्यरत रहेगी ऐसा कहा गया था। वर्तमान में डॉक्टर व नर्स तो हैं पर परामर्शी की कमी है, जो लोगों को इसके लिए जागरूक कर सके।

लोगों में आज भी कई तरह की है भ्रांतियां

लोगों में जागरूकता लानी होगी। आज भी लोागों में भ्रांतियां हैं। लोग ऐसा सोचते है कि अगर उनके परिजन का नेत्र दान किया जाता है और अंतिम संस्कार के समय आंख नहीं रहने के कारण अगले जन्म में वह बिना आंख के जन्म लेंगे। ऐसे लोगों की भ्रांतियों को दूर करना होगा। इसके लिए सामाजिक संगठनों व समाजसेवियों के साथ अस्पताल प्रशासन को बैठक करनी चाहिए।

कोट

आईबैंक में अब तक एक भी नेत्रदान नहीं हुआ है। लोगों की जानकारी के अभाव भी इसका कारण हो सकता है। इसके लिए संबंधित डॉक्टरों व सदस्यो के साथ एक बैठक की गयी है। यहां सुचारू रूप से प्रतिदिन आई बैंक खोला जा रहा है। समाजिक संगठनों व समाजसेवियों के साथ इसके लिए बैठक की जायेगी। अबतक 82 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इसके नोडल पदाधिकारी डॉ. अनुराग वर्मा को बनाया गया है। परामर्शी के कमी है। इसके लिए हेल्थ मैनेजर को निर्देश दिया गया है कि जबतक सरकार की ओर से परामर्शी नहीं बहाल होता है तब ये लोग उसका कार्य करेंगे।

- डॉ. केके सिन्हा, मेडिकल अधीक्षक, अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल,गया।

इन लोग नहीं कर सकते है नेत्र दान

अगर कोई व्यक्ति किसी भी संचारी रोग से पीड़ित है तो वह नेत्रदान नहीं कर सकता है। इसमें एड्स, हेपेटाइटिस बी और सी, रेबीज, सेप्टिसियामिया, ल्यूकेमिया, टेटनस, मेनिनजाइटिस, हैजा, और एन्सेफलाइटिस शामिल हैं।

ए लोग कर सकते है नेत्रदान

-2 वर्ष से 70 वर्ष तक के स्वस्थ व्यक्ति

-सड़क दुर्घटना में मृत व्यक्ति जिसका कॉर्निया क्षतिग्रस्त नहीं हुआ हो

- मृत व्यक्ति के छह घंटे के अंदर इसके बाद नहीं

-मृतक व्यक्ति के आंखों को पानी से भींगे रूई से ढक कर रखना होगा। पंखे नहीं चलाने होगें।

-मृतक के सिर को छह इंच तकिया देकर ऊंचा करना होगा

- अगर कोई एंटिबायोटिक दवा है तो मृतक के आंखों में देते रहना होगा।

-नेत्रदान करने से पहले अस्पताल में संबंधित अधिकारी से संपर्क कर आवयश्यक कागजी कार्रवाई पूर्ण करनी होगी।

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