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महाबोधि महाविहार के वार्षिक कैलेंडर का डीएम ने किया विमोचन

बोधगया, निज संवाददाता। गया समाहरणालय के सभाकक्ष में शुक्रवार को महाबोधि महाविहार के वार्षिक

Newswrap हिन्दुस्तान, गयाFri, 10 Jan 2025 09:07 PM
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गया समाहरणालय के सभाकक्ष में शुक्रवार को महाबोधि महाविहार के वार्षिक कैलेंडर 2025 का डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने विमोचन किया। इस कैलेंडर में बोधगया की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाया गया है। साथ ही महाबोधि मंदिर के चित्र के साथ 2025 के महत्वपूर्ण आयोजनों की संक्षिप्त जानकारी दी गयी है। डीएम ने बताया कि कैलेंडर को काफी आकर्षक बनाया गया है। इसके अलावा महाबोधि मंदिर की सबंधित जरूरी जानकारी कैलेंडर में दी गयी है। इसे मंदिर के बुक शॉप में भी रखा जाएगा। ताकि महाबोधि मंदिर आने वाले श्रद्धालु इस कैलेंडर को याद के तौर पर खरीदकर ले जा सकेंगे। कैलेंडर में जनवरी माह के पृष्ठ पर बोधिवृक्ष के पूरब दिशा में सैंडस्टोन से बना वज्रासन का चित्र है। जिसपर ज्यामितीय आकृति उत्कीर्ण है। फरवरी पृष्ठ पर निरंजना नदी है। जिसके पश्चिमी तट पर महाबोधि मंदिर है, जहां भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। यह नदी भगवान बुद्ध की गतिविधियों का साक्षी रही है। मार्च महीने के पृष्ठ पर मंदिर के गर्भगृह में विराजमान भगवान बुद्ध की विशालकाय स्वर्णिम मूर्ति है। यह मूर्ति भूमि स्पर्श मुद्रा में है। अप्रैल माह के पृष्ठ पर रत्न चक्रमण चैत्य उत्कीर्ण है। ईंट के इस प्लेटफॉर्म पर कमल की आकृति उत्कीर्ण है। ज्ञान प्राप्ति के बाद तीसरा सप्ताह भगवान बुद्ध ने इसी जगह व्यतीत किया था। मई माह के पृष्ठ पर महाबोधि मंदिर के भव्य स्थापत्य को प्रदर्शित किया गया है। यह मंदिर गुप्तकालीन स्थापत्य का बेहतरीन नमूना है। जून माह के पृष्ठ पर वोटिव स्तूप दिखाया गया है। इसे मनौती स्तूप भी कहते है, जो विभिन्न कालखंडों के हैं। जुलाई माह के पृष्ठ पर बिहार के माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी को मंदिर के गर्भगृह में पूजा करते दिखाया गया है। अगस्त माह के पेज पर मंदिर के भव्य परिसर का एरियल दृश्य है। सितंबर माह के पेज पर महाबोधि मंदिर के शीर्ष गुंबद को दिखाया गया है। यह स्वर्ण आच्छादित है। अक्टूबर माह के पेज पर अशोक रेलिंग को दिखाया गया है। इसका निर्माण विभिन्न कालों में कराया गया है और शिल्प कला के नमूनों से भरा है। नवंबर माह के पेज पर बौद्धों के पवित्र पर्व कठिन चीवर दान समारोह को दिखाया गया है। तीन महीने के वर्षावास के बाद इसका आयोजन होता है।दिसंबर माह के पेज पर परम पावन दलाई लामा को पूजा करते दिखाया गया है। वे शांति और करुणा के प्रतीक हैं और दुनिया में इनकी पहचान आध्यात्मिक गुरु के रूप में है। विमोचन के मौके पर बीटीएमसी की सचिव डॉ. महाश्वेता महारथी, सदस्य डॉ अरविंद कुमार सिंह, सदस्य डॉ. किरण लामा उपस्थित थे।

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