आज चार माह बाद जागेंगे भगवान विष्णु, विष्णुपद मंदिर में होगी भीड़
चार महीने पहले 17 जुलाई को भगवान विष्णु देवशयनी एकादशी पर सो गए थे। अब 31 अक्टूबर को प्रबोधिनी एकादशी पर वे जागेंगे। गया में विष्णुपद मंदिर में विशेष पूजा और उत्सव होगा। श्रद्धालु तुलसी अर्चना के लिए...
चार माह पहले 17 जुलाई देवशयनी एकादशी को भगवान विष्णु सो गए। अब चार माह बाद मंगलवार प्रबोधिनी एकादशी को भगवान विष्णु जागेंगे। गया में विष्णुपद मंदिर होने के कारण एकादशी का विशेष महत्व है। श्री विष्णु जागेंगे तो विष्णुपद में उत्सव मनेगा। श्री विष्णुपद प्रबंधकारिणी समिति की ओर से श्री विष्णुचरण का विशेष शृंगार के साथ पूजा होगी। पूजन में गयापाल सहित भारी संख्या में श्रद्धालु शामिल होंगे। इस दिन विष्णुपद मंदिर में विष्णुचरण पर तुलसी अर्चना के लिए भी श्रद्धालुओं की भीड़ होगी। समिति के अध्यक्ष शंभूलाल विट्ठल व सचिव गजाधर लाल पाठक ने बताया कि करीब चार माह पहले आषाढ़ शुक्ल पक्ष एकादशी 17 जुलाई हरिशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु सो गए थे और चातुर्मास शुरू हुआ। अब कार्तिक शुक्ल एकादशी प्रबोधिनी एकादशी मंगलवार को श्री हरि जागेंगे। इस खास मौके को लेकर विष्णुपद में विशेष तैयारी है। श्री विष्णुचरण व माता लक्ष्मी का तरह-तरह की फूल-मालाओं से शृंगार होगा। विशेष पूजा होगी। रात में आरती होगी।
प्रबोधिनी एकादशी पर अगस्त्य के फूल से श्री विष्णु की पूजा का विशेष महत्व
आचार्य नवीनचंद्र मिश्र वैदिक ने बताया कि साल भर में सभी एकादशी में कार्तिक शुक्ल एकादशी यानी प्रबोधिनी एकादशी का विशेष महत्व है। इस दिन विष्णुनगरी में श्री विष्णुचरण का दर्शन व श्री विष्णु स्रहस्त्रनाम से संपन्नता आती है। घर में ईख के मंडप बना कर दरवाजे पर श्री विष्णु भगवान की चौरठा से पादुका बनाकर उनका स्वागत करना चाहिए। आचार्य ने बताया कि प्रबोधिनी एकादशी चातुर्मास रखने वालों के लिए यह समापन का दिन होता है। स्नान, जप,होम स्वाध्याय,हरि पूजन दूसरे दिन के पुण्य को इस दिन करने से प्रबोधिनी दूना फल देती है। आचार्य ने बताया कि प्रबोधिनी एकादशी में फूल, फल, कपूर, कुमकुम और खासकर अगस्त्य के फूल से श्री विष्णु भगवान की पूजा करने का विशेष लाभ है। बेल पत्र व तुलसी पत्र, आंवले के फल से पूजन करने से दस हजार जन्म के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। बताया कि कार्तिक शुक्ल एकादशी व्रतियों को कार्तिक शुक्ल चतुदर्शी के दिन भगवान विष्णु को बेलपत्र व शंकर को तुलसी से पूजन करने कर व्रत को पूरा करना चाहिए।
40 से 50 रुपए पीस बिक रहा ईख
प्रबोधिनी एकादशी (जेठान) को लेकर शहर में ईख का बाजार सज गया है। जीबी रोड, चांदचौरा,बाइपास, नई गोदाम, गांधी मैदान व डेलहा सहित अन्य इलाकों में ईख की बिक्री शुरू है। बाइपास के दुकानदार छोटू कुमार ने बताया कि सोमवार को कुछ लोगों ने खरीदारी की। अधिकतर एकादशी मंगलवार को खरीदेंगे। इस बार ईख का रेट 40 से 50 रुपए है। कहीं-कहीं 60 रुपए पीस भी बिक रहा है।
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