चैती छठ : व्रतियों का 36 घंटे का उपवास शुरू
चैती छठ : व्रतियों का 36 घंटे का उपवास शुरू चार दिवसीय अनुष्ठान के दूसरे दिन व्रतियों ने किया खरना शाम में पूजा-अर्चना के बाद लोहंडा का ग्रहण किया...
गया। निज प्रतिनिधि
भगवान सूर्य की आराधना के चार दिवसीय अनुष्ठान चैती छठ के दूसरे दिन शनिवार को व्रतियों ने खरना किया। शाम में भगवान की पूजा-अर्चना की। इसके बाद ही व्रतियों के 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हुआ। इस बार भी कोरोना काल के कारण व्रती घर से ही सारे अनुष्ठान व पूजा-पाठ संपन्न कर रहीं हैं। अनुष्ठान के तीसरे दिन रविवार को व्रत कर श्रद्धालु डूबते भगवान भास्कर को अघ्र्य देंगे। लोक आस्था के महापर्व के अंतिम दिन सोमवार उगते आदित्य को अघ्र्य देंगे। इसके बाद पारण के साथ ही व्रतियों का उपवास समाप्त हो जाएगा।
आज शाम घर की छतों पर देंगे भगवान भास्कर को अर्घ्य
कोरोना काल में लगातार दूसरे साल शहर में गिने-चुने लोग ही छठ व्रत कर रहे हैं। शहर के डेल्हा स्थित भैंसिया गली की आभा कुमारी और ज्योति कुमारी पहली बार छठ व्रत कर रही हैं। कहा कि कोविड-19 के गाइडलाइन को पालन करते हुए सारे अनुष्ठान घर से कर रही हूं। इधर, खरखुरा मेन रोड की चंचला देवी और संगीता देवी कहती हैं कि पहले भी व्रत की हैं हर नदी या कुंड में जाकर अघ्र्य दिया है। इस बार भी लोग जाएंगे तो सूर्यकुंड में जाकर भगवान भास्कर को अर्घ्य देगीं। शहर के बगला स्थान मुहल्ले के नीरज कुमार ने कहा कि वे खुद व्रत कर रहे हैं। कोरोना को नहाय-खाय से लेकर पारण तक सारे अनुष्ठान घर पर करना पड़ रहा है। रविवार की शाम व्रती घर की छत से अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य देंगी।
मंदिर से लेकर बाजार तक पर कोरोना का असर कोरोना वायरस ने इस बार भी छठ व्रत को भी फीका कर रखा है। मंदिर से लेकर बाजार तक सन्नाटा पसरा है। लोहंडा के दिन विष्णुपद इलाके के सूर्यकुंड में भीड़ होती थी, लेकिन शनिवार की सुबह सूर्यकुंड से लेकर फल्गु के घाटों पर विरानी छायी रही। केदारनाथ मंडी के पास कुछ अस्थायी दुकानें लग गईं हैं लेकिन भीड़ नहीं है। केपी रोड में पूजन सामग्री व टावर चौक इलाके में सूप-दउरे की छिटपुट बिक्री हो रही है। दुकानदारों ने बताया कि इस बार काफी कम संख्या में लोग छठ व्रत कर रहे हैं।
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