विदेश में डिग्री बांटने के मामले की हो सीबीआई से जांच: विद्यार्थी परिषद
गया, कार्यालय संवाददाता। म्यांमार की राजधानी यंगून में मगध विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्री बांटने
म्यांमार की राजधानी यंगून में मगध विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्री बांटने का मामले में अखिल विद्यार्थी परिषद ने सीबीआई से जांच कराने की मांग की है। शुक्रवार को मगध विश्वविद्यालय के छात्र नेता और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेता सूरज सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि मगध विश्वविद्यालय के गौरवशाली इतिहास को बौद्ध अध्ययन विभाग के शिक्षक विष्णु शंकर व कैलाश प्रसाद ने गिराने का काम किया है। विदेश जाकर मानद डिग्री जिस प्रकार से बांटने का कार्य दोनों ने किया है। उससे यह प्रतीत होता है कि पूर्व में भी इन दोनों के द्वारा ऐसा अपराधिक कार्य किया गया होगा। दोनों शिक्षकों के कार्यकाल कि जांच केंद्रीय जांच एजेंसी से होनी चाहिए। साथ ही इनकी संपत्ति की जांच ईडी से होनी चाहिए।
मगध विश्वविद्यालय प्रशासन ने केस दर्ज तो किया गया है, लेकिन अब तक जांच का कोई निष्कर्ष नहीं आया है। इस मामले को ठंडे बस्ते में डालने की साजिश हो रही है। विदेशों में डिग्री बांटने का जो खेल चल रहा है वो बड़ा षड्यंत्र है इसके पीछे कई बड़े लोग हैं। कैलाश प्रसाद के एक सगे परिवार को बौद्ध अध्ययन विभाग के विभागाध्यक्ष बने रहना भी संदेह पैदा करता है। केंद्र सरकार को इसे गंभीरता पूर्वक लेनी चाहिए और पूरे घटनाक्रम कि जांच करनी चाहिए। इस मामले का खुलासा जबतक नहीं होती है तबतक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद चुप नहीं बैठेगी। विद्यार्थी परिषद राज्यपाल, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से सीबीआई जांच की मांग की है। इसके निष्पक्ष जांच के लिए अखिल विद्यार्थी परिषद आंदोलन भी करेगी। गौरतलब हो कि डिग्री बांटने का मामला सामने आने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने एमयू थाना में बौद्ध अध्यन विभाग के अंशकालिक शिक्षक डॉ विष्णु शंकर एवं बौद्ध अध्ययन विभाग से जुड़े बोधगया के डॉ कैलाश प्रसाद पर प्रथमिकी दर्ज कराई है। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद इस मामले में पुलिस जांच के लिए एक विशेष कमिटी गठित कर दी है।
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