क्यों टूटा बाढ़ पीड़ितों के सब्र का बांध, सड़क पर बवाल, आधा दर्जन पुलिसवाले जख्मी; पुलिस पर गोली चलाने का भी आरोप
भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस ने लाठियां चटकाईं। पांच उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया है। ग्रामीणों ने पुलिस पर फायरिंग का आरोप लगाया है। हालांकि पुलिस ने इससे इंकार किया है।
बिहार में बाढ़ पीड़ितों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने सड़क पर उतनकर जमकर बवाल काटा। मुजफ्फरपुर जिले में बाढ़ पीड़ितों ने अपनी मांगो को लेकर हंगामा किया। गोपालपुर में शुक्रवार को सामुदायिक किचन बंद करने से आक्रोशित बाढ़ पीड़ितों ने मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी एनएच को चार घंटे तक जाम कर बवाल काटा। भीड़ पुलिस से उलझ गई और पथराव कर दिया। भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस ने लाठियां चटकाईं। पांच उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया है। ग्रामीणों ने पुलिस पर फायरिंग का आरोप लगाया है। हालांकि पुलिस ने इससे इंकार किया है।
रोड़ेबाजी से बेदौल ओपी प्रभारी मनोज कुमार, एसआई रूपक कुमार सहित आधा दर्जन पुलिसकर्मी जख्मी हो गए। बीपीआरओ गृजेश नंदन और कार्यक्रम पदाधिकारी सूर्यदेव नारायण चोटिल हैं। बिशनपुर में रुन्नीसैदपुर-औराई सड़क को बाढ़ पीड़ितों ने एक घंटे तक जाम रखा।
बताया जा रहा है कि पिछले कई दिनों से बाढ़ की त्रासदी झेल रहे पीड़ितों ने अपनी मांगों को लेकर नेशनल हाइवे एनचएच-77 को जाम कर हंगामा किया। इस जाम की वजह से आवागमन बुरी तरह से प्रभावित हो गया। बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि वो कई तरह से परेशान हैं लेकिन उनके लिए ना तो भोजन-पानी की व्यवस्था है और ना ही पशुओं के लिए चारा मिल पा रहा है। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि दो दिन पहले सामुदायिक किचन को बंद कर दिया गया। उनका आरोप था कि महज 2 दिन के अंदर इस किचन को बंद कर दिया गया जिसकी वजह से उनकी परेशानी और बढ़ गई है।